!!वेदांत कहता है अरे दिदु ये आपकी ननद है बाप रे कैसे झेलती है इस तीखी मिर्ची को....
"अरे चुप भाई बड़ी प्यारी है वो
अच्छा सच्ची में "
!!अरे बाप रे तुम तो हमें दिन में दिदु ने तारे दिखा रही है इस तीखी मिर्ची को तुम प्यारी कह रही हो दीदी हद है!!
कहाँ से ये दिखती है प्यारी.......
अच्छा चल चुप मारूंगी न तुमको....
हाहाहाहा......बड़ी आयी अपनी ननद की तारीफदारी करने.....
चल बदमाश....
अरे दिदु तेरी तीखी मिर्ची देख कर तो लगता है, चला जाऊं यहाँ से होटल में रहने....
अच्छा चल दोस्ती करा दूँ.....
इससे दोस्ती जैसे भूखी शेरनी को जगाना है......
अरे चुप हो जा वरना वो तुझे सच में खा जायगी.....
अच्छा दिदु ....
एक बात समझ नही आया जीजू रसमलाई और बहन तीखी मिर्ची.....
अरे चुप अच्छा ये बता क्या खायेगा....
अरे दिदु सोच के आया था ये खाऊंगा वो खाऊंगा तेरे हाथ की बनी।
मेरे सारे अरमान पर पानी फिर गया।
स्वादिष्ट खाना हमें क्या पता यहाँ इतनी तीखी मिर्ची भी रहती है।
कसम से दिदु अगर पता होता तो आ कर भी नही आता।
अच्छा दिदु जो खिला दे बस तीखा मत खिलाना.....😄
अच्छा भाई फिर तीखी मिर्ची मिट्ठी गोली न बन जाय.....
प्रिया हँसती हुई कहती है.....😄
तभी डोर बेल बजता है रुको दिदु जीजू को सरप्राइज देना है।
प्रिया सोच रही है अब प्रिया को कैसे मनाऊंगी.....
वो बहुत गुस्से में है।
दरवाजे खुलते ही अरे मेरी गोलगप्पा क्या हुआ आज तेरी मुस्कुराहट को लगता है बोनस मिला है क्या?
हाँ कुछ ऐसा ही समझ लो.....
अरे रिद्धिमा आ गई
हाँ आज कोई और भी आया है....
रवि चौंकते हुए कौन आया है रिद्धिमा के साथ.....
कौन है बताओ न।
अरे हद करती है मेरी गोलगप्पा.....
तभी प्रिया कहती है देखो कौन आया है।
अरे आप साले साहब आप कब आना हुआ.....
अभी कुछ दिन पहले आया था तो बस सब जगह घुम रहा था तो सोचा यहाँ भी आप सब से मिल लूँगा।
वाह आज आपके दर्शन भी हो गए अभी तक आपकी बहन से आपके नाम और शैतानी ही सुने थे आज आप से मिलना भी हो गया।
और शादी का क्या इरादा है।
साले साहब कोई मिली या नही।
!!अरे जीजू कहाँ अभी तक कोई नही मिली है.....
अभी तलाश जारी है.....😄
कहीं तो कोई मेरा भी इंतजार कर रही होगी जीजू.....
हाहाहाहा अब यँही से लेकर जाने का इरादा है क्या?
अरे नही जीजू ऐसी बात नही है।
क्यों साले साहब ब्रह्मचारी रहने का इरादा है क्या?
नही जीजू ऐसी बात नही है।
जब मिलना होगा तो मिल ही जाएगी।
अरे सही बात बोले जैसे आपकी दीदी हमें मिल गई।
अच्छा हो आप साले साहब अकेले हो नही तो मेरे जैसे कोई गोलगप्पा मिल गई तो .....
वेदांत चौकते हुए अरे जीजू कौन है गोलगप्पा.....
प्रिया अरे कोई नही.....
अरे दिदु बताओ न कौन है गोलगप्पा....
अरे आपको नही पता है ये देखिए मेरी गोलगप्पा को
वेदांत अपने आप से कहता है हूँ.....
अपनी बहन को तो देखो एकदम तीखी मिर्ची है और मेरी बहन को गोलगप्पा कह रहे हैं।
हूँ देखो न अभी तीखी मिर्ची कितनी अच्छी बन कर अपने कमरे में है। अपने भाई के सामने नही आएगी, और मुझे देखते ही भूखी शेरनी की तरह लगता है खा जाएगी।
पता नही कौन सी बीमारी है लगता है जीजू को बताना पड़ेगा अपनी बहन का इलाज करा दो....
वरना एक घर में कैसे एक दूसरे को झेल पायेंगे बाप रे
हम तो सोचे की चलो कुछ दिन दिदु के पास रुक फिर।
वापस चला जाऊंगा पर यहाँ तो इतनी तीखी मिर्ची है की
इसके साथ दो चार दिन क्या दो चार पल भी कट जाये तो
हमें चैन आ जयेगा अब तो इसे भी झेलना पड़ेगा वरना जीजू डंडे लेकर खदेड देंगे 😄😄😄
प्रिया अरे वेदांत किन ख्यालों में खोया है, किसे याद कर रहे हो।
अरे कहाँ किसी को याद करूँगा। तेरे घर आ कर तेरे तीखी मिर्ची मुझे चैन तो लेने देगी तब न किसी और के बारे में सोचूँ।
अरे दिदु जो भी आएगी वो तेरी पसंद की होगी समझी मेरी दिदु।
अरे साले साहब कभी मत करना गोलगप्पे की पसंद की लड़की से शादी नही करना वरना अपनी जैसी बड़बड़ करने वाली किसी गोलगप्पे को ढूंढ़ कर ला देगी।
हम तो नेक सलाह दिए।
प्रिया अच्छा आप मुझे झेल रहे हैं।
रवि हँसते हुए नही ऐसा कभी बोल सकता हूँ....
प्रिया कभी बोलना भी नही.....
अच्छा जीजू आपने दिदु का नाम गोलगप्पा क्यों रखा।
अरे आप को कभी नही बताई अपने नाम के राज की वजह अच्छा शरमा रही होगी
अच्छा बता देता हूँ हम जब भी इससे मिलने जाते थे तो ये मुझे गोलगप्पे खाते हुए मिलती थी और हमें प्यार हो गया
इससे ज्यादा इसके गोलगप्पे से 😄
वाह सही कहा जीजू प्यार से जो नाम रख दो वो अच्छा ही लगता है चाहे गोलगप्पा रखो या तीखी मिर्ची.....
वेदांत हूँ....
बड़ा ने आये मेरी बहन का नाम रखने गोलगप्पा अपनी बहन को देखो न कैसी तीखी मिर्ची है वो पता ही नही है अहा मैने भी रखा है आपकी बहन का नाम तीखी मिर्ची
प्रिया उसे ऑंखें दिखाती हुई चुप वरना तुझे झापड़ लगाऊंगी.....
अरे दिदु देखो न अपनी बहन को देखते नही.....
रवि अरे तीखी मिर्ची कौन है साले साहब.....
अरे जीजू बस ऐसे ही नाम आपको बताया....
बच कर रहना साले साहब कहीं तीखी मिर्ची मिल गई आप गए काम से....
वेदांत हाहाहा नही जीजू हमें वैसे मिर्ची अच्छी लगती है
रवि हाहाहाहा सही है तब हम ढूढ़ते हैं एकाध तीखी मिर्ची
चलेगा न.......
हाँ जीजू चलेगा नही भागेगा......
प्रिया हँसते हुए अरे बदमाश आया है तब से बातें में लगा है।
तभी रवि अरे मोटी कहाँ है तू....
रिद्धिमा अपने कमरे में कहती है, इस अड़ियल से बातें करके अपना दिमाग खारब क्यों करूँ
आपका साला है आप झेलो हम तो एक मिनटभी इसे अपने घर में बर्दास्त नही करती जहाँ से वापस आया वापस भेज देती एक मिनट में इस अड़ियल को..
प्रिया वो अपने कमरे में आराम कर रही होगी लगता है सो गई क्या?
आती हूँ उसे बुलाकर।
वेदांत हूँ तीखी मिर्ची और सो रही होगी की मुझसे लड़ने का आईडिया ढूंढ रही होगी।
क्रमशः