जैसा नाम वैसा जिगर . 9 गोलियां भी कुछ नहीं बिगाड़ सकी चेतन चीता का. दो महीने से कोमा में रहे चेतन चीता मौत और जिंदगी की जंग में आखिरकार मौत को हार माननी ही पड़ी
देश में ऐसे भी जवान मौजूद हैं जो देश के लिए गोली खाने को भी हमेशा तैयार हैं. ऐसा ही एक जवान मौत को मात दे कर आया हैं. सीआरपीएफ जवान चेतन चीता दो महीने कोमा में रहने के बाद होश में आ गए हैं. जिनका बचना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं
जम्मू कश्मीर में आंतकियों से मुठभेड में गंभीर रुप से घायल हुए
सी आर पी एफ कमांडेंट चेतन चीता दो महीने कोमा में रहने के बाद आखिर कर होश में आ गए. जिसे खुद डाक्टर भी किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं
45 साल के चीता को जब एम्स लाया गया था तब उसके सर पर बुलेट धसी हुई थी . शरीर के उपरी हिस्सों में बुरी तरह फेक्चर था वहीं दाहिनी आंख फूट चुकी थी किसी को भी यकीन नहीं था कि ये शेर दुबारा खड़ा हो सकेगा. लेकिन देश के इस जवान ने सबको गलत साबित कर दिया.