(1) एक बड़ा जूता तब तक नहीं खरीदना चाहिए, जब तक हम अपना पैर बढ़ाना न सीख लें
(2) एक मुर्ख से कभी भी तर्क न करें . सुनने वाले समझ नहीं पायेंगे कि मुर्ख कौन है .
(3) पहला कदम सम्पूर्ण विश्वास से बढ़ाइए , अगला कदम उसी तरह अपने आप उठेगा .
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