आज ज़िंदगी की क़ीमत किस क़दर गिर गई है , अफ़सोस नहीं "रंजन" ,
लेकिन मौत की गिरी हुई क़दर देख कर जी घबरा रहा है मेरा !!1 जुलाई 2019
आज ज़िंदगी की क़ीमत किस क़दर गिर गई है , अफ़सोस नहीं "रंजन" ,
लेकिन मौत की गिरी हुई क़दर देख कर जी घबरा रहा है मेरा !!11 फ़ॉलोअर्स
मैं एक कवि हूँ. मैं हिंदी कविता, ग़ज़ल एवंग शायरी रचना करता हूँ. बंगाली में सिर्फ गाना लिखता हूँ. मैंने मिर्ज़ा ग़ालिब के ग़ज़लों का इंग्लिश में अनुवाद किया है. मेरा दो वेबसाईट्स है.
https://ghazalsofghalib.com
https://sahityasangeet.com
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