दिल से दिल न मिलाया तुमने करम मेरा येही सही मेरे दोस्त , "रंजन" का हाथ हमेशा मिलेगा तुमको जब समझो मांग लेना !
23 मार्च 2021
दिल से दिल न मिलाया तुमने करम मेरा येही सही मेरे दोस्त , "रंजन" का हाथ हमेशा मिलेगा तुमको जब समझो मांग लेना !
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मैं एक कवि हूँ. मैं हिंदी कविता, ग़ज़ल एवंग शायरी रचना करता हूँ. बंगाली में सिर्फ गाना लिखता हूँ. मैंने मिर्ज़ा ग़ालिब के ग़ज़लों का इंग्लिश में अनुवाद किया है. मेरा दो वेबसाईट्स है.
https://ghazalsofghalib.com
https://sahityasangeet.com
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