किसी के रोने पर किसी को रोना नहीं आता , "रंजन" रोता है शायद खुद की किसी बात पर।।
24 मार्च 2021
किसी के रोने पर किसी को रोना नहीं आता , "रंजन" रोता है शायद खुद की किसी बात पर।।
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मैं एक कवि हूँ. मैं हिंदी कविता, ग़ज़ल एवंग शायरी रचना करता हूँ. बंगाली में सिर्फ गाना लिखता हूँ. मैंने मिर्ज़ा ग़ालिब के ग़ज़लों का इंग्लिश में अनुवाद किया है. मेरा दो वेबसाईट्स है.
https://ghazalsofghalib.com
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