वही हमेशा डूबते हैं ठहरे हुए समंदर में "रंजन",
जिन्हे तूफ़ान को अपने वश में रखने का गुरूर हो ।
25 अगस्त 2021
वही हमेशा डूबते हैं ठहरे हुए समंदर में "रंजन",
जिन्हे तूफ़ान को अपने वश में रखने का गुरूर हो ।
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मैं एक कवि हूँ. मैं हिंदी कविता, ग़ज़ल एवंग शायरी रचना करता हूँ. बंगाली में सिर्फ गाना लिखता हूँ. मैंने मिर्ज़ा ग़ालिब के ग़ज़लों का इंग्लिश में अनुवाद किया है. मेरा दो वेबसाईट्स है.
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