आज हम भी जाते है देखने तमाशा सर पे क़फ़न बांध कर "रंजन" ,
उनके हाथ में तेग थी और हमने भी सर झुका दिया महफ़िल में !!
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13 जुलाई 2019
आज हम भी जाते है देखने तमाशा सर पे क़फ़न बांध कर "रंजन" ,
उनके हाथ में तेग थी और हमने भी सर झुका दिया महफ़िल में !!
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मैं एक कवि हूँ. मैं हिंदी कविता, ग़ज़ल एवंग शायरी रचना करता हूँ. बंगाली में सिर्फ गाना लिखता हूँ. मैंने मिर्ज़ा ग़ालिब के ग़ज़लों का इंग्लिश में अनुवाद किया है. मेरा दो वेबसाईट्स है.
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,Dआभार दोस्तों.
1 अगस्त 2019
आभार मित्रों .
15 जुलाई 2019
धन्यवाद
15 जुलाई 2019