मौत को नकारकर ज़िंदगी से मुहब्बत कर लिया ,
क़ातिल को भी जीने को मज़बूर अलबत कर लिया ,
अब उन्हें महसूस है अपनी कारस्तानी का "रंजन",
अब तड़पते हैं जान देने को, जब मुहब्बत कर लिया ।।
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