कुछ हंसना था कुछ रोना था ए ज़िंदगी तेरे साथ ,
लिखना था ज़माने को फूलों का पैग़ाम तेरे साथ ,
इतनी ईमानदारी क्यों दिखाया मौत को किसलिए ,
"रंजन" को जब जाना होगा मिलेगा क्या तेरे साथ !!
https://ghazalsofghalib.com
https://sahityasangeet.com
https://spirituality.ghazalsofghalib.com