भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिये सरकार और नागरिक दोनों ही जिम्मेदार है दोनों इसलिये जिम्मेदार है की जहां अनगिनत लोगों ने कमाई के लिये अपने निजी उद्योग खोल रखे है जिसमे की पेपर मिल व शुगर मिल जैसे उद्योगों से आय दिन जहरीले धुआं निकलते रहते है जिसमे की कोई ध्यान नही देता है की पर्यावरण का क्या होगा अब बात करे सरकार की तो सरकार केवल भाषण इत्यादि में बोलती रहती है की पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ जबकी पेड़ काटने से लेकर के और अपने वोट बैंक को साधने के लिये केवल सरकार भाषण इत्यादि पर बल देकर अपनी सरकार बनाने पर ध्यान देती है एक बार जनता से वोट ले लिया उसके बाद पांच वर्ष तक कार्य समाप्त अब हालात ऐसे हो गये है की सभी को पैसे के अलावा कुछ नही दिखता कोई भी अगर कार्यवाही सरकार द्वारा होती है तो उसका भी मुहं बंद करने के लिये मोटी रकम भेज दी जाती है |