करके भरोसा तुमपे बहुत पछतायी हूं रोई हूं बहुत पाकर धोखा तुमसे कई बार ,, किये थे वादे तुमने नहीं तोड़ोगे भरोसा कभी ,, मुकर गये हो तोड़ कर भरोसा कई बार ,, नही फितरत है मेरी विश्वास तोड़ने की तो क्यूं
मेरे शहर की हर बात निराली है कुछ खास हैं कुछ नही फिर भी हर बात निराली है ,, बहुत सी भाषाओं का संगम है हैं सभी तरह के लोग लोकल ट्रेन लाइफ लाइन है ,, रात भी जगती है यहां दिन भी जगता है बड़े-बड़े तूफा
!!मां!! कभी पेट में मारी होगी लात तो कभी गोदी में भी सताया होगा मां तुमनें तो हर दर्द सहकर अपनें हाथों से गोदी में खिलाया होगा.. जब भी लगती होगी भूख तो तुमने अपने खाने का हर कतरा अपने स्तन से
🌺सुनो न! दैनन्दिनी, हैप्पी मदर्स डे 😊 आज तो बाढ़ ही आ गई व्हाट्सएप के स
प्रिय सखी। कैसी हो। मै अच्छी हूं।वैसे मै इन मान्यताओं को मानती नही हूं लेकिन फिर भी चलन है तो कहती हूं मातृ दिवस की बधाई। मां को हम कब भूलते है जो उनके लिए एक निश्चित दिन तय करे कि आज मदर्स डे ह
मेरे साथ ही मेरे पति, बेटे और बेटी चारों को पशु-पक्षियों से बड़ा प्रेम हैं। यह बात हमारे अड़ोसी-पड़ोसी ही नहीं बल्कि जान-पहचान और रिश्तेदार भी भलीभांति जानते हैं। हमारे इसी पशु-पक्षी प्रेम को देखते ह
करो सम्मान अपने माता-पिता का न दुखाओ दिल कभी अपनों का सम्मान से झलकते हैं संस्कार सम्मान से मिलता है प्यार आशीर्वाद ,, सम्मान करोगे जब किसी का तो तुमको भी मिलेगा गौरव प्राप्त ,, सम्मान करो हर नारी का
6 मई 2022 शनिवार मेरी प्यारी सहेली, कल बात नहीं हुई ना ही मिलना हो पाया। क्या करूं गेस्ट आ गए और बस बातचीत का सिलसिला यूं चला कि कुछ ना पू
प्रिय सखी। कैसी हो। क्या कर रही हो।हम तो खाली बैठे है।अभी मौसम ऐसा हो रहा है कुछ लिखने का मन ही नही कर रहा। शब्द मे पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था बस उसी किताब का प्रमोशन कर रह
लालच की हद पार कर गए हो तुम शादी में, अपनी जिद में अड़ गए हो तुम क्या दहेज चाहिए तुम्हे ? क्या मुझे पाकर खुश नहीं हो तुम ? कन्या दान कर पिता मेरे खुश बहुत है मुझे पाकर भी खुश नहीं हो तुम....
🌿दिनांक :- 07/05/22🌿 🌺 सुनो न! दैनन्दिनी, दसवीं, बारहवीं के सीबीएसई बोर्ड के
खुशियां ढूंढ ली है मैने तुम्हे पाकर वो भी बहुत खुश है मुझे पाकर...
मानवता को छोड़ मनुष्य ने नैतिकता को बिसराया है हिन्दू - मुस्लिम के चक्कर में, देश को दहलाया है ... इन्हे अपना धर्म चाहिए धर्म चाहिए कुछ और नही, सोच ये विकसित करें कि देश से ऊपर हम नहीं और धर्
लौट आओ, समा जाओ, मेरी रूह में... मेरी सिर्फ मेरी अप्सरा बन जाओ मेरी ज़िन्दगी में...
स्त्री प्रकृति है साधना है विश्वास है पुरुष के लिए सौंदर्य है समर्पण है आत्मिश्वास है स्त्री देवी है पत्नी है परिवार है स्त्री इस समस्त संसार का आधार है
हर गली घूमे चौराहा घूमे तुम्हारी तलाश में... प्यासे घूमे भूखे घूमे तुम्हारी तलाश में... जब थक गए ढूंढते ढूंढते तुमको पेड़ के नीचे बैठे तुम्हारी तलाश में... आंखे बंद कि तो तुम्हे पाया अपने
गली से जाते हुए उसे निहारता हूँ रोज में मन ही मन उसे बेइंतहां चाहता हूँ रोज में उससे मिलने को रोज बेक़रार हूँ में हकीकत से ख्वाबो तक उसके ही साथ हूँ में
मेरा भारत महान यहीं तो है गीता बाईबल और कुरान मेरा भारत महान जहां ऋषि मुनियों की है तपोभूमि हैं यहां चारो धाम मेरा भारत महान जहां है पवित्र नदियों का संगम हैं वेद पुराण है मेरा भारत महान ,, जहां श्र
घर एक बगीचा होता पिता होते विशाल वटवृक्ष समान मां होती उसकी छांव भाई बहन होती शाखाएं यही होता है हमारा प्यारा सा घर संसार मां की ममता बड़ी ही प्यारी होती सारे जग से न्यारी ,, पापा के प्यार का कोई मो
बस इतनी ही आरज़ू थी कि कोई दिलरुबा मिले जो भी मिले बस इक वफ़ा मिले .. बस दिल का शुकूं मिले तू ही तू मिले अब इतनी आरज़ू है तू इम्तहां मिले हर बार हो गुफ्तगूं हर बार तू ही मिले.. जो वक्त आये जिंदगी का