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दैनिकजीवन

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डियर काव्यांक्षी                        Good morning dear ☕☕   कैसी हो , मै अच्छी हू डियर, अगर शब्द के पंख होते तो कितना अच्छा होता शब्द पंख पसारे भरते उड़ान, पहुंच जाते मेरे अपनो के पास उड़कर सजाती उ

13 मई 2022      शुक्रवार समय 11:30 (रात)मेरी प्यारी सहेली,         न जाने सहेली तुममें क्या नशा है रह रह कर कितनी ही बातें, कितने ही काम दिमाग से यूं

दाम करे सब काम पैसा मिले घोड़ी चले   पार लगावे नैया  बाप बड़ा न भैया  सबका प्यारा रुपैया   मेला लगता उदास  गर पैसा न हो पास ठन-ठन गोपाल का कौन करता विश्वास वह भला मानस कैसा जिसकी जेब में न

🌿दिनांक  :- 13/05/22🌿 🌺सुनो न!  दैनन्दिनी,                         

हैलो सखी।  कैसी हो।मै अच्छी हूं।आज तो सुबह ही तुम को याद कर रही हूं। क्यों? हाहाहाहाहा इस लिए की फुर्सत मे बैठी हूं। पतिदेव बाहर गये है। बच्चे स्कूल और मै शोप पर ।आज जल्दी ही आ गयी थी शोप पर । क्

हैलो काव्यांक्षी                     Good morning dear💖💖☕☕ आज दिल बाते सोचा लबों पर सजाए चाय की चुस्की संग एहसास आज सारे कह जाए, बात दिल की दिलबर तक पहुंचाए, शब्दो मे कुछ एहसास आज है सजाए ,काव्यांक्

12 मई 2022   गुरुवारसमय 11:20 (रात)मेरी प्यारी सहेली,         फ्रिज का पानी गले को खराब कर रहा है, मटके के पानी से प्यास नहीं बुझ रही। पसीने हैं कि तर तर बहता जा रहा

🌿दिनांक  :- 12/05/22🌿 🌺सुनो न! दैनन्दिनी,                          

महिलाएं भी अब देश की मदिरा को तरसे बेवड़ो की टोलियाँ मदिरा को तरसे  यार मेरे गजब हो जाये     अम्बर से  जो मदिरा बरसे लेकर दौड़ेंगे संग अपने बोतल, मटका और  गिलास एक  के ऊपर एक गिरेंगे जम के सार

प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं। गर्मी का कहर आसमान से बरस रहा है। क्या आदमी क्या जानवर सभी गर्मी के प्रकोप से अछूते नही है।आज मै दोपहर बाद शोप पर आयी हूं क्योंकि गर्मी मे कोई घर से निकलना पसंद नही करता।

मेरे अंतर्मन में उलझी हैं द्वंद्व भरी अट्टालिकाएँ , दोनों ही छोर मेरे, फिर कैसे मिटे ये दुविधाएँ । कर्म मेरा आराध्य है तो कुटुम्ब मेरा कर्तव्य , दोनों मेरे अभिन्न है फिर कैसे एक ही ध्यातव्य । नदिय

🌿दिनांक  :- 11/05/22🌿 🌺सुनो न! दैनन्दिनी,                        हमारी कॉलोनी में

मैंने सोचा लिख दूँ तुमको  प्रेम पत्र  एक प्रेम भरा  मन के नटखट भावो से है मेरा.... प्रेमपत्र सम्पूर्ण भरा   अब  तुम्हे बतलाऊँ   कब मैंने तुमको देखा था मुग्ध हुआ था उस पल  जिस पल तुमको मैं

अच्छा समय आने का गरीबी कम हो जाने का  अच्छी सरकार  के आने का लोकतंत्र मजबूत हो जाने का   मैं इंतजार कर रहा हूँ...  शिक्षा स्तर बढ़ जाने का  बेरोजगारी कम हो जाने का रुके कामो को  पूरा हो जाने क

डियर काव्यांक्षी             कैसी हो प्यारी, शिकायत नही करना तुमसे मिलने आ जाती हु , वक्त के कुछ लम्हे तुम्हारे लिए चुरा ही लेती हुं, आखिर मेरी प्यारी सखी जो हो तुम,ये गलत बात है डियर मीनाक्षी से तुल

एक दिन सब साथ मिलेंगे   होगा सुखद जीवन सफर।    विचलित न होना पथ से  चाहे बिखरे हों शूल अनेक  मिले सफर में कोई भी  रखें भावना दिल में नेक  भले ही दूर दिखे मंजिल   ध्यान रहें न रुके डगर  यदि दि

लिख दूँ तो नाराज न होना हम बदलेंगे तुम बदलोगे एक दिन तुम  सब मिलकर  भारत  माँ की जय बोलोगे  लिख दूँ तो नाराज न होना हम बदलेंगे तुम बदलोगे ख़तम करेंगे जात - पात के  मतभेदो  को जन - जन को खुशहा

🌿दिनांक  :- 10/05/22🌿 🌺सुनो न! दैनन्दिनी,                          

गैरो में अपने हो तुम  मेरे दिल की धड़कन हो तुम                          

मुझे हर कीमत पर   तेरा  दीदार करना आता है न प्रेम करना आता है  न इजहार करना आता है   मुझे तो  तेरे सिंगार का  हक़दार बनना आता है ख्वाहिशों  को तेरी  पूरा करना आता है मुझे हर कीमत पर तेरा दीदार

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