दिनांक -10/9/22 दिन-शनिवार समय-रात 11:50 प्यारी दिलरुबा देखो आज मैं तुमसे मिलने दूसरी बार आ गई,,, क्या करूं नींद नहीं आ रही थी,,,, फिर टॉपिक पर नज़र गई,, ध्यान- योग सोचा क्यों ना इस पर अपने विचार तुम्
हां मैं आधा इंसान हूं।मेरे माता-पिता के बिना।जिनका खून मेरी रगों में उबल रहा।जिनका हर रंग में में रंगा हुआ।मैं छाया हूं उनके सपनों की।यह सबसे उच्च श्रेणी है अपनों की ।मैं उनके बिना अधूरी जी और जान हूं
"शिक्षा शेरनी का वह दूध है जो भी पियेगा वह दहाडेगा"अन्तर्मन के पट खोलने शिक्षा अति जरूरी है।शिक्षा बिना अशोभनीय जन जिंदगी अधूरी है।।शिक्षा के पथ पर चलकर ही मंजिल तुम्हें मिल जाती है।शिक्षा पथ पर मोड क
ध्यान वो दवा है जो मन के हर रोग को ठीक कर सकती है. ध्यान योग से किसी भी मानसिक समस्या को हल किया जा सकता है. 'ध्यान करना' वो क्रिया है जिससे आप एक सुखद अनुभव की अनुभूति करते है. अगर आपको किसी बात क
क्या रखा है किसी के दिल में आधा अधूरा रहने में, हो सके तो किसी एक तो तुम पूरा ही मिल जाना।
घोडों के स्टेच्यु की पहचान... एक पाँव ऊपर किये, कभी दोनो पैर ऊपर किये हुए, तो कभी चारो पैर नीचे किये घोड़े की पीठ पर बैठे हुये कई स्टेचू देखे । बचपन से ये जिज्ञासा थी कि आखिर घोड़े के दोनों प
डर लगता है मुझे जिंदगी की सांसें खोने से।डर लगता है प्रकृति के इस सुंदर रूप को खोने से।धन दौलत असीम है मेरे अंदाज भी अनोखे हैं।एक सांस की कीमत एक हवा सम झौंके है।।नहीं खरीद पाऊंगा सांसों को जिंदगी जीन
कुछ दिन पहले " कोविड के पहले की बात है ", एक बार पुरे दिन काम करने के बाद , मैं दिल्ली से अपने होम टाउन की यात्रा कर रहा था, 3ed AC डिब्बे में, साइड ऊपर वाली सीट नंबर 8, ये सीट डिब्बे में प्रवेश द्व
हमारे भारत देश के ऋषि- महऋषियों की देन है योग | (जिसमें की अपनी अहम भूमिका निभाई है महृषि पतंजलि ने | पहले ऋषि-महृषि कई -कई वर्षों तक तपस्या कर लेते थे एक पांव पर खड़े होकर या अ
तुम अगर हो पास मेरे, और की जरूरत नहीं है।प्यार है मुझको सिर्फ तुम्ही से, और से मोहब्बत नहीं है।।तुम अगर हो पास मेरे-------------------।।सबसे सुंदर मेरे लिए, इस जहाँ में हो तुम ही।दिल की मूरत मेरे लिए,
तुम अगर हो पास मेरे, और की जरूरत नहीं है।प्यार है मुझको सिर्फ तुम्ही से, और से मोहब्बत नहीं है।।तुम अगर हो पास मेरे-------------------।।सबसे सुंदर मेरे लिए, इस जहाँ में हो तुम ही।दिल की मूरत मेरे लिए,
10/9/2022प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है ध्यान योग, ध्यान योग करना अर्थात मन को एकाग्र करना आत्मकेंद्रित होना होता है
आप लोगों ने पिछले पार्ट में देखा क्षितिज ने कैसे समृद्धि का तारीफ कर रहा था । क्षितिज - "अगर किसी की खूबसूरती की तारीफ करना गुनाह है तो मैं कुबूल करता हूं कि मैं आप के मामले में यह गुनाह
👣💓👣💓👣💓अंधभक्त कि दुनिया हैसच्चाई पे क्या लोग विश्वास करेंगेदोस्तो के बीच कुछ दुश्मन भी बैठे हैंधोखेबाजों की है ये दुनियाकिस पर तुम ऐतबार करोगेसोच समझ कर रखना तुम कदमफूलों के नीचे कांटे बीछा रखे
❤️💗💓🌹🌹🌹खोल दु बाहे अपनी ...🌹🌹तुम गले लग जाओगे ...🌹🌹इस उम्मीद में ....🌹🌹आज है मेरी पिया मिलन ....🌹🌹कही होश ना खो बैठू इस खुशी में ...🌹❤️💗💓🌹🌹🌹💓💗❤️🌹🌹#tejran❤️💗💓✍🏻❤️
🖤🖤🖤🖤🖤🖤भीड़ में भी अब , लोग खुद को तन्हा महसूस करने लगे हैवाह क्या ज़माना आ गया ,अपने ही जज्बातों से अब लोग खिलवाड़ करने लगे हैं🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤✍🏿
🌹🌹🌹🌹🌹🌹✨✨✨✨✨✨सूरज को निकलते देखा है . . .बर्फ को पिघलते देखा है . . . .के जनाब ,सूरज को निकलते देखा है बर्फ को पिघलते देखा हैअरे तुम्हें कैसे बताये ..कि आज सपने में मैंने ,तुझे अपनी मोहब्बत
🏘️ 🏬 🌫️ 🌀 🌪️फिज़ा को छूने वाले शीश महल ,दरियां के तूफान में डूब सकता ....कि जनाब ..फिज़ा को छूने वाले शीश महल .दरियां के तूफान में डूब
हम तेरी हंसी यादो को मिटा नहीं सकेंगे ...हम तेरी बातो को भूला नही सकेंगे ....अरे रुको जरा .. , ज्यादा उछालो नहीं ...पहले पूरी बात तो सुनों ...कि हम तेरी हंसी यादो को मिटा नही सकेंगे हम तेरी
💘💘💘💘💘💘💘लौटने के इरादे से ,जा रही हूँ ..पर वादा नही कर सकती ,शायद ये हमारी आख़िरी मुलाक़ात हो ,ये कह भी नही सकती ...सफर तो सफ़र है,हो सके लौट ना सकूँ ॥✍🏻❤️