दर्द चेहरे पर उभारा जाएगा,
नाम जब मेरा पुकारा जाएगा।
शुक्रिया कहना पड़ेगा वक़्त को,
लौटकर शायद दोवारा आएगा।
मेरी कश्ती है अभी मंझधार में,
लड़ तू लहरों से किनारा आएगा।
देखना सीने से लग जायेगा वो,
दौड़कर बच्चा हमारा आएगा।
मूक संकेतों से वो समझा गया,
वक़्त फिर अच्छा हमारा आएगा।
खर्चना दिल खोलकर इस प्यार को,
शायद ज़माने को गवारा आएगा।
शौक मुझको भी सवरने का बहुत,
आइना बन जा संवारा जाएगा।