धर्म का रक्षक बनना हमारा कर्तव्य है,
पर राजनीति के खेल में अपना दिल न लगाये।
धर्म दूसरों के लिए जीने की शिक्षा देता है,
पर राजनीति अपने हित के लिए सब कुछ कर जाती है।
धर्म ने जीवन को समझाया है,
पर राजनीति ने समझाने वालों को बहिष्कार कर दिया है।
धर्म ने मानवता को बचाने की शपथ ली है,
पर राजनीति ने अपने लालच के लिए जान भी दे दी है।
धर्म समझदारी का पढ़ाता है,
पर राजनीति जाल में फंसाती है।
धर्म अहिंसा का संदेश देता है,
पर राजनीति शक्ति का संदेश देती है।
धर्म और राजनीति में बहुत अंतर होता है,
धर्म जीवन का मार्गदर्शन करता है,
पर राजनीति सत्ता की खातिर सब कुछ कर जाती है।