कभी कभी मुझे ख्याल आता है,
की ऐसा होता तो क्या होता,
वैसा होता तो क्या होता।
मेरा जीवन कोरा कागज,
कोरा ही रह गया।
फिर एक दिन मेरी जिंदगी में हेमा आई,
जीवन में फिर रंगत छाई।
सुबह शाम बाते होती थी,
छुप छुप कर मुलाकाते होती थी।
बाइक में घूमा करते थे दोनो,
आंखो आंखो में बाते होती थी।
फिर एक दिन वो दिल तोड़ गई,
उसकी शादी कही और हो गई।
फिर मेरा दिल बहुत रोया,
सपनो में उसके ही खोया।
मुकेश और रफी मुझे भाने लगे,
किशोर भी तब रुलाने लगे।
हो गया हाल बेहाल तब मेरा,
छोड़ गया पहला प्यार जब मेरा।
उसके बाद तब ये लगा,
मेरा जीवन कोरा कागज,
कोरा ही रह गया।
ऐसे ही कुछ समां बीता,
सफेद रंग से बना नाता।
फिर एक दिन एक हसीना आई,
भाई की खोपड़ी फिर से चक्कर खाई।
अब लगा पहला प्यार झूठा था,
अबकी वाला अनूठा था।
कोरे कागज में फिर,
रंग भर गए।
सोनू निगम अब,
पसंद बन गए।
जिंदगी चलती है कुछ ऐसे,
चाय, काफी और कोल्ड ड्रिंक जैसे।
जिंदगी इतनी भी मुश्किल नहीं दोस्तो,
जितनी हम सोचते है।
व्यस्त रहो, मस्त रहो।
🤠😁🫣😎😘🥰💕❤️