मेरी दिल की बातें,
समझने वाला,
मुझसे बेहतर,
कोई और नहीं।
आपकी दिल की बातें,
मुझसे कुछ,
अलग नही।
ख्याल रखूंगा,
हर घड़ी तेरी,
हर धड़कन का।
छू लूंगा तेरी,
रूह को इस कदर,
कहने को सिर्फ,
खामोशी होगी।
तुम होगी,
मैं हूंगा,
और होंगे,
जज्बातों के वो मंजर।
मेरी आंखों में तुम रहोगी,
तेरे दिल में मैं रहूंगा।
आहें होंगी,
अहसास होंगे,
खामोशी का वो,
सफर होगा।
कहूंगा न कभी,
कुछ भी तुमसे।
यही मेरा अंदाजे बयां होगा।
कहना न तुम भी कुछ,
दिल ही दिल का,
पैग़ाम होगा।
छूना चाहता हूं रुह को तेरी,
जिस्म से कोई नाता नहीं।
प्यार की उस मीठी,
नींद में डूब जाने को,
चाहता है दिल।
क्या पता कब मिलेगा,
ऐसा अहसास,
जो मेरी ही तरह,
का होगा।
जिक्र होगा,
फिक्र होगा,
तन्हाई होगी,
और होगा एहसासों का वो सफर,
जिसमे डूब जाएंगे,
हम और तुम,
हमेशा, हर वक्त, हर घड़ी, हर लम्हा,
लगातार, बार बार, कब तक,
पता नहीं.....