एक थे राम-एक था रावण,
दोनों अपनी-अपनी जगह शक्तिशाली।
रावण के पास - सोने की लंका,
तो राम के पास - सम्पूर्ण धरा।
रावण के पास - विभिषण,
तो राम के पास - भरत।
रावण के पास - अहंकार,
तो राम के पास - नम्रता और धैर्य।
रावण छीनना था जानता,
तो राम थे जानते बांटना,
रावण - परम शत्रु,
तो राम - परम मित्र।
दोनों ही - अद्भुद शिव भक्त,
परन्तु फिर भी था बहुत भेद।
रावण उष्ण,
तो राम शीतल।
रावण कटु,
तो राम मधुर।
जिनकी वाणी और व्यवहार,
जीत लेती - प्रत्येक का हदय,
फिर चाहे वह बड़ा हो या छोटा,
राजा हो या रंक।
अपने व्यवहार और स्वभाव के कारण,
एक बने देव - तो एक दानव
एक राम - तो एक रावण.....