एक था जादूगर,
दिखाता था वो रंगीन दुनिया।
खेत खलिहान,
और दूध की नदियां।
चारो ओर खुशियों,
की बहार।
जादूगर का जादू,
थे जो कुछ खास।
रहते थे जो सदा,
उसके पास।
करता था उन पर ही काम,
बाकी सब मुरख और अनजान।
जादू की छड़ी,
जब घुमाता जादूगर।
एक और धन वर्षा,
एक और करुण स्वर।
चेहरों पर हंसी,
और दुख की चित्कार।
दिखाई देती है,
दोनो एक साथ।
कैसा ये जादूगर,
गजब इसका जादू।
जादुई इसके शब्द,
बांध लेते हर मन।
हिलना भी हो मुश्किल,
सहना भी हर दम।
जादूगर के जादू,
में फंस जाता है जो।
अपनो से बिछड़कर,
बन जाता है वानर।
नाचता है हर पल,
जादूगर के हर इशारे।
याद आते है उसको,
तब अपने प्यारे।
नम आंखों से,
कह न पाता वो वानर।
कूदता नाचता,
हर दिल को भाता।
करुण कृंदन,
दिल की चित्कार।
बेचारा वानर,
फंस गया ऐसे जाल।
जादूगर का जादू,
भाता हर किसी को।
कैसा गजब है तमाशा है देखो।
वानर नाचता,
कभी लगाता गुलाटी।
देखता, राह बंधुओं की,
जो न आयेंगे कभी।
विश्वास उसने,
अपने बंधुओं का तोड़ा।
नाता उसने,
जादूगर से जोड़ा।
यही है सजा,
इस वानर की यारो।
जादूगर के जादू का,
हिस्सा बनने दो यारो।
उसकी तड़प चलेगी,
न जाने कब तक।
कोई बड़ा,
और जादूगर आ जाता ना जब तक।
क्या पता वो जादू भी क्या होगा,
इससे बड़ा जादूगर जो भी होगा।
क्या करेगा वो करतब,
ये जादूगर ही जानें।
जादूगर के बस,
बदलते लबादे।
नही बदलते,
जादूगर के इरादे।
कभी न फसना,
जादू है धोखा।
इनको चाहिए,
बस इक मौका।
अगर फसे तो,
वानर बनोगे।
करोगे करतब,
हर दुख वो सहोगे।
जादूगर का वादा,
होता है झूठा।
जो भी है फसा,
खाया उसने धोखा।
जादूगर का जादू,
फिर भी सबको सुहाता।
किस्मत है उसकी,
तभी सबके आगे वो आता।