छू लेने की ख्वाहिश है,
जज्बातों को तेरे।
क्या वो हसीन पल होगा,
जब तुम होगी और मै हूंगा।
तन्हाइयो का वो,
मंजर होगा।
हाथ में हाथ होगा,
मोहब्बत का वो,
हर पल होगा।
जरा सी आहट भी,
जुदा करेगी न हमको।
इस धरती पर ही,
जन्नत होगा।
बिखरेगी मुस्कान,
लबों पे तेरे जब।
कर लूंगा बंद आंखे,
कहीं खो न जाए वो पल।