दिल की गहराइयों में बसा है ख़ुदा,
मेरे रब का नूर जगमगाता है।
तन्हाईयों में आवाज़ बन कर,
मेरे दिल को चैन से सुलाता है।
इश्क़ की राहों पर चलते चलते,
अपने आप को खो दिया हैं।
उस एक बाबा की आवाज़ में,
खुदा को पाया हैं।
धुंधली सी रौशनी में चमकती हैं,
सच्चे प्यार की ख़ुशबू यहां।
चाहत के मस्तानों की दुनिया हैं,
सब कुछ यहीं पर पाया हैं।
जीने का मज़ा इश्क़ में हैं,
हर रोज़ नए रंग दिखाता हैं।
सच्ची मोहब्बत के सच्चे अरमानों को,
यहां अपना घर बनाता हैं।
ज़िन्दगी का मतलब तोहफ़ा हैं,
प्यार की ख़ुशबू से सजाता हैं।
सूफ़ियों की कविता सुनाती हैं,
आत्मा को चैन से भरता हैं।
सिर्फ़ तुम्हारे लिए यह लब्ज़ों में,
भेदभाव को मिटाता हैं।
सूफ़ियों के आवाज़ में बसता हैं,
ख़ुदा का रंग दिखाता हैं।