'सरोवर' का अर्थ तालाब, कुंड या ताल नहीं होता। सरोवर को आप झील कह सकते हैं। भारत में सैकड़ों झीलें हैं लेकिन उनमें से सिर्फ 5 का ही धार्मिक महत्व है, बाकी में से कुछ का आध्यात्मिक और बाकी का पर्यटनीय म
1.अध्याय मोह ही सारे तनाव व विषादों का कारण होता है । 2.अध्याय शर
प्रश्न.1.श्री कृष्ण के धनुष का क्या नाम था?उत्तर - शारंगप्रश्न.2. अर्जुन के धनुष का क्या नाम है?उत्तर- गांडीवप्रश्न.3. शिव के धनुष का क्या नाम था?उत्तर- पिनाकप्रश्न.4. राम का नामकरण किस ऋषि ने किया था
भगवान परशुराम जन्मोत्सव हिन्दू पंचांग के वैशाख माह की शुक्ल पक्ष अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन दिये गए पुण्य का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता। अक्षय
महर्षि पाराशर शक्ति मुनि के पुत्र एवम ब्रह्म्रिशी वशिस्ठ के पौत्र थे. आपकी माता का नाम अद्रश्यन्ति था जो की उथ्त्य मुनि की पुत्री थी. मह्रिषी पराशर का जन्म अपने पिता शक्ति की मृत्यु के पश्चात् हुआ
बहुत समय की बात है, एक बहुत ही भयंकर असुरों का राजा था – गजमुख। वह बहुत ही शक्तिशाली बनना और धन चाहता था। वह साथ ही सभी देवी-देवताओं को अपने वश में करना चाहता था इसलिए हमेशा भगवान् शिव से वरदान के लिए
जिस प्रकार हिन्दू संस्कृति के चार वेद हैं, चार वर्ण हैं, चार दिशाएं हैं, ठीक उसी प्रकार चार धाम हैं। भारत की पवित्र भूमि में पूर्व में जगन्नाथ पुरी, पश्चिम में द्वारका पुरी, दक्षिण में रामेश्वरम् और उ
महाभारत में एक प्रसंग आता है जब राजा धृतराष्ट्र महात्मा विदुर से मनुष्य की आयु कम होने का कारण पूछते हैं। तब विदुर मनुष्य की आयु कम करने वाले 6 दोषों के बारे में धृतराष्ट्र को बताते हैं। महाभारत
1. जिसके घर में कुत्ता होता है उसके यहाँ देवता हविष्य (भोजन) ग्रहण नहीं करते ।2. यदि कुत्ता घर में हो और किसी का देहांत हो जाए तो देवताओं तक पहुँचने वाली वस्तुएं देवता स्वीकार नहीं करते, अत: यह मुक्ति
ब्रह्मा, विष्णु और महेश का पिता कौनस्त्रोत - शिवपुराणब्रह्मा, विष्णु और महेश के संबंध में हिन्दू मानस पटल पर भ्रम की स्थिति है। वे उनको ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मानते हैं, लेकिन क्या यह सच है? क्य
माघ शुक्ल की तिथी पंचमी श्री पंचमी या बसंत पंचमी ज्ञान की देवी सुर की जननी प्रकटी जगत में हुई पीत अवनी अज्ञानता हरले, हे वीणा वादिनी तन में नव सुधा भरदे, हे हंसिनी तिमिर हरले ज्ञान प्रकाशिनी विद्या
तुंगभद्रा तटे पूर्वम् भूत्पत्तनमुत्तमम्। यत्र वर्णा: स्वधर्मेण सत्य सत्कर्मतत्परा:॥एक ब्राह्मण थे आत्मदेव। जो तुंगभद्रा नदी के तट पर रहते थे। ये बड़े ज्ञानी थे। ये समस्त वेदों के विशेषज्ञ और श्रौत
करवाचौथ व्रत हम सभी परिचित हैं कि भारत के उत्तरी और पश्चिमी अंचलों में कार्ति
गजानन गौरी नंदन करूं मैं वंदनst
⚔️🏹⚔️🏹⚔️🏹⚔️🏹⚔️कुरुक्षेत्र में एक मेधावी तरुण अश्व पर आयामहाभारत के प्रथम दिवस का छाया सायाबालक वह भीम- हिडम्बा पुत्र,धटोत्कच पुत्र थाबरबरिक बालक की परिक्षा लेना पुर्वनिश्चित थावृक्ष तले खड़े हो कर कृष्ण बालक से बोलेबाण से वृक्ष के पत्ते बींधदो योद्धा हम बोलेंछलिया कृष्ण टूटे पत्ते को पैरों तले द
अन्तर्यात्रा का रहस्यविजय कुमार तिवारीकर सको तो प्रेम करो।यही एक मार्ग है जिससे हमारा संसार भी सुव्यवस्थित होता है और परमार्थ भी।संसार के सारे झमेले रहेंगे।हमें स्वयं उससे निकलने का तरीका खोजना होगा।किसी का दिल हम भी दुखाये होंगे और कोई हमारा।हम तब उतना सावधान नहीं होते जब हम किसी के दुखी होने का का
सनातन धर्म, भारतीय इतिहास और इसके विरुद्ध साजिशें : आज आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन के लिए ब्रिटिश इतिहासकारों को श्रेय दिया जाता है - जबकी वास्तविकता में ये बेहद निरंकुश और बर्बर प्रविर्ति के थे जिन्होंने इस उपमहाद्वीप में पाए गए हर उस चीज़ का नाश किया जो इसके गौरवशाली अतीत का प्रतिक था।आज भारत के बा
राजकुमार सिद्धार्थ गौतम अब से ढाई हजार साल पहले अपना परिवार और महल छोड़ कर जंगलों की ओर सत्य की खोज में निकल पड़े थे. उनकी उम्र उस वक़्त 29 वर्ष की थी. उस समय के ज्ञान ी साधुओं, सन्यासियों और विचारकों से मिले,