आज दिल खोलकर मुस्कुरा लीजिये,
मैं ग़ज़ल हूँ मुझे गुनगुना लीजिये।
जब बिखर जाऊँगा खुशबुओं की तरह,
आप फूलों की माफिक उठा लीजिये।
खो गई है अंधेरों में राह-रहगुजर,
अब उजालों को भी आजमा लीजिये,
हो न हो ज़िन्दगी का सफर आखिरी,
सोचना क्या है पल-पल मज़ा लीजिये।
बे-इरादा सही हम सफ़र में तो हैं,
मंजिलो के लिए हौंसला लीजिये।
कल निशां रास्तों पर नज़र आयेंगे,
वक़्त की रेत पर घर बना लीजिये।
मुठ्ठियों में हवा बंद होती नहीं,
तुम हवाओं के ही पर लगा लीजिये।
रूठ जाने का है फायदा कुछ नहीं,
मुस्कुराने को जीवन बना लीजये।
तिनके'अनुराग'ने रख लिए जोडकर,
गुलसितां प्यार का फिर सजा लीजिये।