प्यार फिर सबको नजर आने लगा है,
जब मेरा घर टूट कर गिरने लगा है।
आखिर मुंडेरों से परिंदे उड़ चले,
खौफ मौसम का नजर आने लगा है।
फिर धूप निकलेगी नज़र आएंगे हम,
आपका दिल आज घबराने लगा है।
मत गिनाओ तुम हमारे ऐब कितने,
अब घटाना-जोड़ना आने लगा है।
आसान है ऊँगली उठाना किसी पर,
वक़्त मुझ पर आईना हंसने लगा है।
हो गया है अब अंधेरों पर यकीन,
रौशनी से दिल बहुत डरने लगा है।
माँ की दुआयें साथ थी हर मोड़ पर,
फिर अचानक हौंसला बढ़ने लगा है।
कोशिशें दिन-रात की हुनर को तराशा,
मैं ढल गया साँचे में तू जाने लगा है।