भुला दो भूल जाओ याद रखना,
कहीं रखना सही बुनियाद रखना।
मनाना रूठ जाना फिर मनाना,
तल्खियाँ कम अधिक संवाद रखना।
न जाने कब कहाँ हो जाएं शामें,
चिरागों का जहां आबाद रखना।
किनारे जब कभी लहर आये,
सफीनो को जरा पाबन्द रखना।
छिटक कर ज़िन्दगी बिखर जाये,
दुआ कीजिए और फरियाद रखना।
अगर फिर महक जाएँ ख्वाब सारे,
हवाओं का सफ़र आज़ाद रखना।-
परिंदों को नये आस्मा ढूंढने दो,
परों पर आँधियां उन्माद रखना।