“अब बस छोड़ो ये काम,,, चलो किसी अच्छे रेस्टोरेंट में डिनर करते हैं,,,” आलमा ने अपनी दोस्त और बिजनेस पार्टनर जियाना से कहा “डिनर??,, और ये काम कौन करेगा बस तीन दिन रह गये है टेंडर निकल
पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा झारखंड के एमएलए बेटी, शिखा की शादी की तैयारियां चल रही है, शिखा की कॉलेज फ्रेंड मौलि भी शिखा की शादी में आई हुई है और मौलि के आने से शिखा की खुशी का ठिकाना नहीं है | शिखा
“ये हॉस्पिटल की दवाइयां की बदबू मुझे बिलकुल पंसद नहीं और पता नहीं ये संचित भी कहां चला गया,,, नंबर बस आने ही वाला है,,,” “मिस्टर शेखर आप अंदर चले जाइये,,,” नर्स ने 65 साल के शेखर बोस को आवाज
वंदना आज बहुत थक गयी थी ।घर मे पार्टी जो थी ।वैसे उसे तो कुछ नही करना था पर एक हाई प्रोफाइल पार्टी मे सुंदर सुंदर ड्रेस पहन के हाय हैलो करने मे ही व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है । वंदना के पति शहर के
शीला चौधरी का अहाता दोपहर को आबाद होता था । जब लोग लंच के बाद आराम कर रहे होते हैं तब मौहल्ले की "बातूनी" औरतें शीला चौधरी के घर पर इकठ्ठे होकर गपशप करती हैं । दरअसल शीला चौधरी का मकान ठीक टी पॉइंट पर
नमस्कार स्वागत है आपका है ,मैं राहुल दवे (rk के अल्फ़ाज़) हाजिर हूँ आपके सामने एक नया अध्याय लेकर।। जैसा कि पिछले भाग में आपने जाना था कि कैसे हेजल ने अपने पिता को बंधक,विवशता में देखा था और कैसे
अगर शब्दों के भी पंख होते जज्बात सारे हवा में ही उड़ते दिल के अरमान शब्द बनकर किसी के दिल पे सीधे लैंड करते ना चिठ्ठी पत्री की जरूरत होती ना एस एम एस होता ना मेल होती ना किसी क
रात ११ बजे, स्थान - अमरावती से थोड़ी दूर बना मराठा परिवार का प्राचीन वाडा ! मुंबई की बड़ी रियल एस्टेट कम्पनी - ' कुमार एंड संस बिल्डर्स ' का मालिक अमित अपने इस खास प्रोजेक्ट का ब्यौरा कर रहा है ! अम
इवा का चेहरा चमक उठा, वो फटाफट उठी और पीछे मुड़कर देखा, फ्रेया और इकेश उसके सामने है, दोनों ने चेहरे खिले हुए नजर आए, इवा फ्रेया के गले लगी और फिर इकेश से भी हाथ मिलाया, वो इतनी खुश अंसल को देखकर भी
अगले कुछ दिन अंसल और इवा के लिये काफी खास बन गये, वो पहले अच्छे दोस्त बने और फिर अंसल ने इवा को फर्स्ट डेट के लिये पूछा, इवा ने हां कहा और पहुंच गई उस जगह जहां इकेश की स्टोरी के बहाने वो पहली बार
कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को देखते रहे, फिर अंसल ने बात शुरू की “अच्छा ये बताओ क्या खाओगी मैं कुछ ऑर्डर कर देता हूं”, अंसल ने पूछा “कुछ नहीं, तुम्हारी बातें सुनकर मुझे चक्कर आ रहे हैं कोई
अगले कुछ दिन इवा ने काफी गंभीर सोच में गुजारे, वो सब कुछ भूल कर बस अपने आप में गुम रही। काम के घंटे पूरे करके सीधा घर के लिये निकल जाती, ना कोई पार्टी, ना कहीं घूमने जाने का मन कर रहा है अब उसका। अ
इवा ने धीरे से अपनी आंखे खोली, अंसल उसके सामने है, वो कुछ परेशान दिख रहा है, उसके माथे पर चिंता की लकीरें हैं और चेहरा एक दम सीरीयस है। इवा किसी मूर्ति की तरह एक दम स्थिर अंसल को गौर से देखती रही, कु
अगले दिन सुबह ग्यारह बजे इवा की फ्लाइट दिल्ली पहुंची। एयरपोर्ट से बाहर आते ही उसे साहिल दिखा, इवा उसे देखकर हैरान हो गई “तुम यहां कैसे?”, इवा ने पूछा “तुमने तो एक फोन भी नहीं किया मुझे जबसे उ
“नहीं मैंने किसी को नहीं दिया नंबर”, इवा ने जवाब दिया “तो फिर इतनी जल्दी पता कर लिया अंसल ने, वाकई कमाल है, फोन उठा लू?”, फ्रेया ने पूछा इवा मुस्कुराने लगी और हां कहा फ्रेया ने फोन उठा लिया
“नहीं मुझे कोई बात नहीं करनी, एक छोटी सी बात पर सुबह मुझे डांट दिया था। मुझे कहते है कि मैं बचपना करती हूं लेकिन अब देखो जब से मैंने कहा कि मैं कॉल नहीं उठाउंगी वो करे जा रहा है, ये बचपना नहीं है क्
फ्रेया काफी गंभीर नज़र आई, इवा उसके साथ जाकर बैठ गई। “आपने देख लिया वीडियो?”, इवा ने पूछा “हां देखा पर मुझे पता नहीं मैं क्या कहूं, उस वीडियो में जो इकेश है उसे तो मैं जानती ही नहीं, वो इतना इम
फ्रेया अपनी एकेडमी के डांस ग्रुप को बड़े प्यार से सब समझाती नजर आई, सभी के चेहरे पर फेस्टिवल की एक्साइटमेंट साफ दिखाई दी। फ्रेया को देखकर इवा को एक अजीब सा सुकून महसूस हुआ, वो वहां से हिली तक नहीं,