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ड्रामा

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अगले दिन सुबह-सुबह इवा के फोन पर इकेश ने मैसेज करके फ्रेया का पता दिया।   “मनाली के नटराज डांस एकेडमी की डायरेक्‍टर है फ्रेया, उनका मोबाइल नंबर है पर बात नहीं हो पा रही, वहां कोई डांस फेस्टिवल है दो

रात के 11 बज गये, इवा बस सोने जा ही रही थी कि उसके फोन पर अंसल का कॉल आया   “इवा कॉल क्‍यों नहीं किया, इकेश ने कुछ बताया नहीं क्‍या?”, अंसल ने पूछा   “बस अभी आधे घंटे पहले ही वापस आई… लेट हो गया था

इवा पूरा दिन उस वीडियो को बार बार देखती रही, उसकी एक एक चीज को गौर से देखा। एक 40-45 साल का शख्‍स जिसका चेहरा अंधेरे में धुंधला सा है। उसके हाथ में एक गिलास है और वो किसी रेस्‍टोरेंट के बार में एक कोन

“आज क्‍यों इतना याद आ रही हो तुम?  पता नहीं क्‍यों मैंने तुम्‍हें जाने दिया, क्‍यों नहीं कहा, मत जाओ, रूक जाओ यहां मेरे पास, मेरे लिये हमेशा के लिये, मैं नहीं रह सकता तुम्‍हारे बिना, कितने साल हो गये

  हेजल-तरुण : Misunderstanding, love and death एक दिन.......सुबह 10 बजे  Whatsapp Conversation: Hazel to Tarun- Hey! How are you? परंतु पूरे दिन तरुण द्वारा कोई रिप्लाई नहीं आया। रिप्लाई ना

ब्रिटेन में ऐसे कम से कम 10 हजार स्थान हैं, जहां भूतों ने आश्रय ले रखा है। भूत यानी उन मृतकों की बेचैन आत्माएं जो जीवित व्यक्तियों को दिखाई देती हैं। वेस्टमिनिस्टर ऐबी, विंडसर कैसल और स्कॉटलैंड यार्ड

यह आज से दस साल पहले की बात है। उस समय मैं नमाज, रोजे की कतई पाबंद नहीं थी। नमाज तो कभी-कभार अपनी दादी और अम्मा की नसीहतों की वजह से पढ़ लिया करती थी, लेकिन रोजे रखने में सदा डंडी मार जाया करती थी। मज

दो सौ रुपये बहुत है, एक बोतल तो आ जाएगी और कुछ रात के खाने का इंतजाम हो जाएगा। वह एक शराब की दुकान के पास बैठा था। ‘‘ले अब्दुल तुम्हारी बोतल। अब्दुल तू जो कमाता है उससे शराब पी लेता है। देख मैं तेरे ह

आज सुबह मैं अखबार पढ रहा था कि मोबाइल ने घनघना कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी । हमारी सोसायटी के अध्यक्ष जी थे । मैंने मन ही मन सोचा कि इतनी सुबह क्या बात हो सकती है ? मगर कोई क्लू हाथ नहीं लगा । 

पैरोडी : तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजाशराब के लिए ठेकों पर उमड़ी भीड़ को देखकर मैं शराब के भक्तों को प्रणाम करता हूं । ऐसे भक्त जन तो भगवान के भी नहीं हैं जो रात भर से दर्शन के लिए पंक्तिबद्ध ह

गतांक से आगे  रवि और विनोद डिनर लेकर विनोद के कमरे में आ गये । उनके साथ साथ मृदुला भी आने लगी तो रवि ने उसे टोक दिया "अरे उधर कहाँ जा रही हो मैडम ? दो बचपन के यार इतने साल बाद मिले हैं तो उन्हें

कांपते हाथों से सुरैया ने वो लकड़ी हाथ मे लेकर चिता को आग लगाई तब भी नर्स ने उसे थामे रखा जैसे ही चिता को आग लगाई और वह जलने लगी सुरैया की उदास आंखे एक बार फिर आंसुओ से भर गई नर्स ने उसे संभाला और

मतलब ये की उसका घर वही कहीं आस पास होना चाहिए .. चलो चलते है... चारों को लॉकअप में बंद करके इंस्पेक्टर अपनी टीम लेकर निकलते है सुरैया का घर ढूंढने के लिए , हाईवे पर पहुंचकर पुलिस की गाड़ी रुकत

“एन्टी करप्शन सेल " ( अंतिम क़िश्त)( अब तक - कामता पटवारी को एक खास विधि से ट्रेप करवाने के बाद कृष्णा शादी तैयारी मेँ जुट गया।)समय गुज़रता गया 15 मई की शाम कृष्णा के घर नवागांव से बारात आने वाली है । ब

***** कृपा रामायण पढ़ रहा था।रिया बहू के साथ रसोई घर में थी।सास-बहू का तालमेल देखकर लगता नहीं था कि सास बहू हैं।माँ-बेटी बनकर काम कर रही थीं।कृपा के घर खुशियाँ ही खुशियाँ थी।सब अपने दायत्व को पूर्ण निष

राज तैयारी के साथ अदालत पहुँचा।शैलेस बहुत खुश था।आज उसका प्रतिशोध पूर्ण होने बाला था।तम कुमार ने शैलेस को राज के साथ देखा तो और क्रोधित हुआ।,"ओह !जो  कर्म काण्ड़ का षडयन्त्र रचा है ,तेरा ही हाथ है

नहीं!आज तो कहकर ही रहूँगा।मैने बड़ी नम्रता से कहाँ कि दुकान खुलवा दो।तो कहते है तू चला नहीं पायेगा।पैसा और फँस जायेगा।मैं जो भी करूँ ,इनको उससे प्रोबलम हैं।कब मुझे जीने देगें।अब कोई दूध पीता बच्चा नहीं

“एन्टी करप्शन सेल " ( दूसरी  क़िश्त)(अब तक -- कृष्णा साहू पटवारी कामता द्वारा ज़मीन के कागज़ात बनाने हेतु बार बार पैसा मांगने के कारण परेशान भी था और पैसों की व्यवस्था का रस्ता भी ढूंढ रहा था) इससे

“एन्टी करप्शन सेल “ ( कहानी प्रथम क़िश्त)कृष्णासाहू नवागांव से अपने गांव देवकर लौटते वक़्त बहुत ख़ुश था ।उन्हें  अपनी लड़की के लिए जोहान साहू का लड़का योगेश भी पसंद आ गया था और जोहन साहू का परिवार भी

"मुचकुंद गहरी नींद सो गया"...,एैसा कह के बल्लाव चुप हो गया। चिंता ऊसके सर पे मछरौं की तरहा मंडारा रही थी। अरे दादाजी ये तो कहानी का अंत हैं शुरवात नहीं! उसके पोते केशव ने कहा। “अरे अंत भी कह

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