"हरि अनंत हरि कथा अनंता" की तरह "लेडीज क्लब" की बातें भी अनंत होती हैं । कभी भी समाप्त नहीं होने वाले आसमान की तरह । इन बातों से पेट कभी भरता नहीं और भूख कभी मिटती नहीं । मगर समय की घड़ी तो टिक टिक चल
आपने कभी कशिश महसूस की किसी चीज की... जिसकी दीवानगी...पागलपन के हद की हो... कोई ऐसा जो सब कुछ भुला दे... किसी की जिंदगी में उसे मिल जाये तो फिर आगे क्या होगा? उसकी सोच समझ और उसके आस पास सब
लक्ष्मी जी को छमिया भाभी के बारे में होने वाली बातों में बड़ा रस आता था । दरअसल छमिया भाभी पर पूरे मौहल्ले के मर्द जान छिड़कते थे । बस यही बात लक्ष्मी जी को हजम नहीं होती थी । इसलिए वो गाहे बगाहे छमिय
कहतें है दिल्ली दिल वालों का शहर है, अब रमन भी दिलवालों के शहर पहोच गया था देखतें है, रमन का स्वागत दिल्ली शहर कैसा करता है, क्या रमन को दिल्ली रास आयेगी या उसका दिल देहला देगी! दिल्ली के प्लेटफॉर्म
डायरी सखि, बड़ा गजब तमाशा था आज । दिल्ली की सड़कें निहाल हो गई आज तो । एक राजा के कदम चूमने का सौभाग्य आखिर दिल्ली की सड़कों को मिल ही गया । आजकल तो यह सौभाग्य ज्यादातर विदेशी सड़कों को ही नसीब ह
हमने तो तुम्हें दिल से चाहा है सनम ये दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है हर सांस तुम्हारा नाम लेकर थिरकती है हर ख्वाब तुम्हारे जजबातों से पलता है आसमां से ऊंची है मेरे इश्क की तड
ये कहानी उस दौर की है जब दुनिया पूरी तरहा से तहस नहस हो गई थी। दुनिया मे प्रलय आने के लिए कोई भी दैवी शक्ति जिम्मेदार नहीं थी। ये तो हमारी ही भूख बहोत बढ गई थी, और चाहिए, और चाहिए की भ
बारिश हो रही थी बहोत तेज बारिश। वो बरसात की रात थी। शहर से बाहर दूर एक खेत मे सुनील राधा के साथ गया था। सुनील अपने गाव मे कॉलेज की छुट्टीया मनाने आया था। और फिर वो राधा से मिला। र
अमोलक जी को लगा कि लाजो जी ताना मार रही हैं कि प्रथम को पांच साल हो गए हैं शादी किए मगर अभी तक कोई बच्चा नहीं लगा रितिका को । लाजो जी को समझाते हुए वे कहने लगे "आजकल बच्चे बहुत समझदार हो गए हैं । वे अ
कुछ लोग करते हैं नफरत वाला प्यार अजीबोगरीब सा होता है इनका संसार माशूका पर कोई कभी तेजाब फेंक देता है तो कोई प्यार के नाम पे गला रेत देता है कोई चाकुओं से गोदकर आनंदित होता है
जब से लाजो जी ने सुना था कि चौधराइन की बहू मेघांशी "पेट से है" उनके दिमाग में लावा सा दौड़ने लगा । एक कहावत है न कि "पाड़ौसन खावे दही तो मो पै कब जावा सही" । जब पड़ौसन की बहू जो कि अभी दो साल पहले ही
हरिवचन भाग 4 तोड़ू फोड़ू संस्कृति के महानायकों को सलाम एक सलाम उन महानायकों को भी बनता है जिन्होंने इस देश को कोरोना की थर्ड स्टेज के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है । जब लॉकडाउन पूरी तर
अमोलक जी घाट की राबड़ी का आनंद लेने लगे । उनकी इच्छाओं का भी ध्यान रखने वाला कोई तो इस दुनिया में है यह जानकर उन्हें बहुत खुशी हुई । उनके मन में शीला चौधरी के लिए कितना सम्मान है, कोई उनके हृदय में उत
हरिवचन - 1 साथियो, कोरोना संकट में हम लोगों के लिए युद्ध स्तर पर जुटे समस्त डॉक्टर, मेडिकल टीम, सर्वे टीम, सफाई कर्मी , पुलिस प्रशासनिक अधिकारी , राजनेता, स्वयंसेवी संगठन आदि के अनथक परिश्रम , सेवा भा
( हास्पिटल जनित समस्याएँ) कहानी अंतिम क़िश्त ( अब तक-- सुलेमान को जब यह पता चली कि एशवर्या मेरी बहन है तो वह अपनी अम्मी सलमा से कहता है-- आगे )फ़ारूख और ऐश्वर्या की शादी का मैं विरोध कर रहा था लेकि
हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी दूसरी क़िश्त)दो दिनों बाद फारुख लायब्रेरी से पढाई समाप्त करके घर जाने की तैयारी करता है । रात्री के 8 बज रहे थे । वह तेज़ी से लोकल रेल्वे स्टेशन की ओर पैदल आगे बढता है । क
हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी तीसरी क़िश्त) इतने में ही दीपक जी और इंदू जी ड्राइंग रूम में प्रवेश करते नज़र आए। सुलेमान ने उन्हें नमस्ते करते हुए अपना परिचय दिया और अन्य बातों को ताक पर रखकर वह ड्
( हास्पिटल जनित समस्याएं ) प्रथम क़िश्त रायपुर के मेकाहारा हास्पिटल में कोहराम मचा है । हर तरफ़ अफ़रा तफ़री का माहौल है । अस्पताल के बड़े बड़े अधिकारी हां पहुंच चुके हैं पर गायनिक वार्ड में भर्त
रितिका ने ब्रेड पिज्जा सर्व किया । प्रथम ने तो बिना चखे ही ब्रेड पिज्जा का बखान करना शुरू कर दिया । यह देखकर लाजो जी से जब रहा नहीं गया तो वे तपाक से बोली "हां, ब्रेड पिज्जा तो आज पहली बार ही बना है न
पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा कि झारखंड के एमएलए की बेटी की शिखा की शादी की तैयारियाँ हो रही है और उसके कॉलेज के जमाने की सहेली मौलि शादी में आने वाली है। मौलि के आने की खबर से शिखा की खुशी का ठिकाना न