भाग 19
राजेश को देखते ही बंटी हड़बड़ा जाता है ,और कहता है *" यार वो मैं थोड़ा सा ,*"!!!!
राजेश उसकी बात बीच में काटते हुए कहता है *" कोई बात नही जब जो मेरा अपना था वो मेरा नही हुआ तो तुझे क्या दोष दूं ,पर एक काम जरूर करना आज के बाद मेरे सामने नजर मत आना ,*""!
बंटी कहता है *" अरे नही भाई आप नाराज मत हो मैं क्या है ना कुछ करता हूं ""!!!
राजेश कहता है *" मैंने कहा न की आज के बाद मुझे नजर मत आना , ये तुम्हारी सेहत के लिए अच्छा होगा, *"!!!!
बंटी उसे देखता है फिर वहां से खसक ही लेता है ,!!!!
राजेश चारो ओर देखता है और सोचता है की अभी कुछ घंटे पहले तक सभी मेरे आगे पीछे घूमते थे, और इतनी ही देर में , सभी पराए हो गए मतलब हर शख्स सिर्फ ओहदे और पैसे का दोस्त है ,किसी इंसान का नही ,उसे अब अपने आप पर भी गुस्सा आता है ,अगर उसने उसी दिन यह कदम उठाया होता तो कम से कम धरम जैसे दोस्त तो न खोता ,वैसे धरम का औरवुस्का याराना नही था पर अच्छे रिलेशन जरूर थे ,कई बार धरम ने उसके पोर्शन कंप्लीट करवाए थे, आज उसकी ही वजह से वो बेकार सा हो गया ,*"!!!
न चाहते हुए भी पता नही उसके कदम धरम के घर की ओर उठ गए अभी थोड़ी देर पहले उसका मोबाइल भी बंद करवा दिया गया था , क्योंकि सिम भी मामा ने ही दिलवाया था , उसका मामा एक छोटी सी बात पर उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन गया था ,*"!!!!!
सोचो के समंदर में चलते चलते वह कब धर्म के दरवाजे पर पहुंच गया उसे पता नही चला , उसी समय धरम ऊपर से राजेश को देखता है तो एकदम से चौक उठता है , और जल्दी से नीचे आता है ,राजेश की हिम्मत दरवाजे को नॉक करने की नही हो रही थी , उसी समय धरम दरवाजा खोलता है ,राजेश उसे देख चौक उठता है , *"!!!
धरम कहता है ,*" अंदर आना है या फिर बाहर से चले जाओगे, *"!!!!
राजेश उसके गले लग कर रोने लगता है ,धरम समझ गया की मामला कुछ संगीन है अगर कोई दुश्मन या विरोधी आप से मिलकर रोने लगे तो। समझ लो उसे अपने गलतियों का अहसास हो गया है,*"!!!
धरम और राजेश खाना खा रहे हैं ,उसकी मां उन्हे खाना परोस रही है , दोनो ही चुप है , मां को देख राजेश को अपनी मां कि याद आती है , तो उसके बार बार आंसु निकलते हैं , !!!!
धरम कि मां उसके सर पर हाथ देते हुए कहती है *" बेटे इसी का नाम जिंदगी है , जो हुआ ठीक ही हुआ ,अब भी समय है ,अच्छा काम करो सब ठीक होगा ,*"!!!
धरम कहता है *" में तो कभी भी कोई बुरा काम नही किया तो मेरे साथ क्यों बुरा हुआ , मां ये सब बाते और उपदेश मत सुनाया करो, अब अच्छा नहीं लगता है*"!!!!
मां कहती है *" जो भी हुआ पर तुम साफ साफ बच तो गए , यदि गलत होते तो अभी जेल में होते ,*"!!!
धरम कहता है ,*" मां आज कल का जमाना बुरे लोगो का है , में भी बुरा आदमी ही बनूंगा और उन सभी लोगो को सबक सिखाऊंगा जो सफेद पोश के रूप में राक्षस हैं *"!!!!
राजेश चुप चाप सुनता है , और कहता है*"
नही धरम मां सही कह रही है तुम अच्छे लड़के हो और अच्छे ही रहो मुझे देखो आज किस मोड़ पर हूं ,कहीं का नहीं रहा ,जिसका बुरा किया उसके ही घर में बैठा खा रहा हूं ,!!!!
मां कहती हैं *" तुमने जो भी किया मजबूरी में किया तुम करना नही चाहते थे, जबरन करवाया गया,*"!!!!
धरम खाना खा चुका था ,तभी उसका मोबाइल बजता है, वह देखता है निकिता का कॉल आया है ,वह उठाता है वह पूछती है *" क्या हो रहा है डिनर हुआ तुम लोगो का *"!??
धरम कहता है *" हां मैंने और राजेश ने खा लिया , मां और बाबूजी अभी खायेंगे , *"!!!
निकिता चौकती हैं ,और फिर पूछती है ,*" राजेश कौन राजेश ,*"!??
धरम कहता है ,*" वही कॉलेज वाला राजेश सिंह *"!!!!
निकिता कहती हैं *" वो वहां क्या कर रहा है , भगाओ उसे ,उसी के कारण तो आज तुम्हारी ये हालत हुई है , उसकी हिम्मत कैसे हुई आने की ,*"!!!
राजेश भी सुन रहा था , वह धरम से फोन मांगता है धरम उसे देखता है फिर फोन देता है ,राजेश कहता है ,*" मुझे सभी ने भागा दिया अपनो ने दोस्तो ने तो कहीं कोई रास्ता नही दिखा तो मेरे कदम अपने आप इसके घर चले आए ,मुझे तुमसे भी माफी मांगनी है ,जितना बुरा तुम मुझे समझ रही हो मैं उस से भी अधिक बुरा हम पर सुधरने का हक तो सभी को है ना ,*"!!!
रितिका चुप हो जाती है , राजेश धरम को फोन देता है , धरम फोन लेकर दूसरी ओर जाता है ,!!!
क्रमशः