भाग 31
हर्षा अपने प्रेमी संतोष के साथ बैठी है ,दोनो शराब भी पी रहे हैं ,!!!
बाहर उनके घर के दीवाल को क्रॉस कर कुछ लोग घर के अंदर आते हैं ,बाहर हर्षा के गॉर्ड बैठे बातो में मस्त हैं ,वह सब खिड़की से झांकने की कोशिश करते हैं , उनमें से एक आदमी चारो ओर नजर डालता है ,तो उसे पहले महले पर बालकनी खुली दिखाई देता है ,तो वह लोग पाइप के सहारे ऊपर चढ़ते हैं और अंदर जाते हैं ,!!!
हर्षा एक पैग पीती है और कहती है *" साले मामा भांजे दोनो ही मुसीबत है ,दोनो को चांस मिलते ही खेल खत्म करते है ,और में उसकी विधवा के रूप में चुनाव लड़ कर जीत जाऊंगी ,एक इमोशनल प्लेटफार्म बन जायेगा , *"!!!
संतोष कहता है ,*" तुम्हे जो करना है करो , में तो तुम्हारे साथ हूं ,*"!!!
उसी समय हर्षा चौक उठती है ,उसकी आंखे फैलती है वह कुछ कहे उसके पहले दो आदमी लपक कर उसका मुंह बंद कर गले में रस्सी डालते हैं , संतोष हड़बड़ा कर उठने लगता है तो उसके सर पर जोर का फटका पड़ता है और वह वहीं गिर पड़ता है , !!!!!
हर्षा खुद को बचाने के लिए हाथ पर झटकने की कोशिश करती है ,तो उसके गले में रस्सी का दबाव बढ़ता है और उसकी आंखे बाहर निकलने लगती है , उसका मुंह बहुत ताकत से जकड़ रखा था ,उसकी आंखो से दर्द के मारे आंसु निकलते हैं ,थोड़ी देर में ही वह शांत हो गई ,!!!
संतोष को भी वह लोग मार देते हैं , एक कातिल तो इतना दुष्ट था ,उसकी नियत हर्षा पर आ गई थी ,वह मरी हुई हर्षा के साथ कुकर्म करता है , उसके बाद सभी लोग वहां से जाते हैं , !!!
वह लोग फिर से दीवाल फांद कर निकल जाते हैं ,!!!
सुबह ब्रेकिंग न्यूज़ में हर्षा के और उसके प्रेमी के मर्डर के बारे में बताया जा रहा है ,,*"!!!
राजेश और धरम यह न्यूज सुन सकते में आ जाते हैं ,*"!!!!
राजेश कहता है,*" ये सब क्या हो रहा है , उसे कौन मार सकता है ,वह खुद ही बहुत खतरनाक औरत थी , जो भी हो मेरी मामी थी , ये गलत हुआ , मामा तो बहुत परेशान होंगे ,*"!!!
धरम कहता है,*" अब जो हुआ उसमे तुम कर भी क्या सकते हो ,वैसे भी तुम तो हॉस्पिटल में पड़े हो , *"!!!
दुष्यंत को जेल से शमशान लाया जाता है ,वह हर्षा के शव को अग्नि देता है ,संतोष का तो कोई यहां था ही नही ,उसके घर में खबर पुलिस ने कर दिया था, पर अभी तक कोई आया नही था ,,*"!!!
शमशान में महातम भी आया था , वह दुष्यंत से मिलता है ,तो दुष्यंत उसे धन्यवाद देता है , तो वह कहता है ,*" आप मेरे मालिक थे हैं और रहेंगे , अब आपका क्या आदेश हैं, *"!!!
दुष्यंत कहता है ,*" सब राजेश को सौप दो , जो भी है अब खून का रिश्ता तो उसी से है ,और गलती मेरी ही थी ,में कई दिन से इन्ही बातों का चिंतन मनन कर रहा था ,अब बताओ क्या करेंगे इन पैसों का जेल में रहकर कितना ऐश करूंगा ,सब बेकार हैं, आज मुझे सब ज्ञात हो रहा है ,क्या कर लिया हर्षा ने सब कुछ यही छोड़ कर गई ना ,**!!!!
महातम कहता है *" जैसी आपकी इच्छा मैं आज ही राजेश को जाकर मिलता हूं ,*"!!!
पुलिस वाले दुष्यंत को लेकर जाते हैं ,महातम कुछ पैसे दुष्यंत को देता हैं, और हाथ जोड़ता है ,दुष्यंत उसे मुस्कराकर देखता है ,*"!!!
राजेश के पास धरम और निकिता बैठे हैं ,उसी समय महातम सिंह वहां आता है ,उसे देख राजेश हिल जाता है, और धरम से कहता है *" यार ये तो मामा का खास आदमी है , और मामा के लिए कुछ भी करता है उनके कहने भर से सभी को मारता है , कही मामा को मामी के मर्डर का शक मुझ पर तो नही हो रहा है,""!!!
धरम देखता है महातम किसी को खोज रहा था शायद राजेश को ही खोज रहा था ,धरम उसे आवाज देता है *" हेलो महातम जी इधर राजेश इधर है , *"!!!
महातम राजेश के पास आकर उसे देखता है ,!!!
राजेश उसे देख कहता है ,*" महातम भाई आप यहां क्या कर रहे हों,मेरा कोई लेना देना नही मामी के मैटर में,*"!!!
महातम उसके पास आकर उसके हाथ पकड़ कर कहता है ,*" कैसे हो राजेश बेटा ,हम तुम्हारे दुश्मन नही हैं ,पर हम तुम्हारे मामा के गुलाम हैं , उनके ही आदेश पर चलते हैं ,*"!!!
धरम और निकिता एकदम से सतर्क होते हैं वह उनकी किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए तैयार थे ,,पर महातम का ऐसा कोई अंदेशा नहीं दिख रहा था क्योंकि मारने वाला बाते नही करता है ,फिर भी कई बार ऐसा भी होता है की आदमी बाते करते करते हुए भी कुछ कांड कर देते हैं , वैसे भी महातम पर बहुत सारे केसेज चल रहे है ,और अधिकतर कांड उसने सरेआम और दिन दहाड़े किया था , ,*"!!!!
राजेश कहता है ,*" मामा ने मुझे मारने का आदेश तो दिया ही होगा , *"!!!
महातम उसे देख मुस्कुराता है ,*" और कहता है ,*" आदेश तो दिया है , और उसी को पूरा करने भी आया हूं ,*"!!!
तीनो चौक कर उसे देखते हैं,*"!!!!
क्रमशः