धरम जवाहर कॉलेज का मेघावी छात्र था, वह पढ़ने में जितना तेज़ था खेल कूद में भी उतना ही आगे था ,वह कराते में थ्री डेन ब्लैक बेल्ट भी था, और बॉलीबॉल का चैंपियन भी कॉलेज कि सभी लड़कियां उस पर जान छिड़कती थी ,और हर लड़का उसका दोस्त था, कॉलेज के प्रोफेसर्स से लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल भी उसके प्रशंसक थे ,और धरम भी अपनी गरिमा बनाए रखता था , कॉलेज के ही ट्रस्टी का भांजा राजेश भी उसी कॉलेज में था वह धरम के एकदम अपोजिट था ,पढ़ाई लिखाई तो नाम का था , ट्रस्टी का भांजा होने की वजह से प्रोफेसर्स ही उसका एग्जाम दे देते थे, उसके मामा खुद भी एक तरह के सफेदपोश अघोषित डॉन है रूलिंग पार्टी में मिनिस्टर हैं, इसलिए उनसे भी कौन पंगा लेता ,और उसी का फायदा राजेश भी उठाया करता था , वह कॉलेज को अय्याशी का अड्डा बना रखा था, कई आवारा लड़कियां उसकी फ्रेंड थी ,कई लड़कियों ने तो उसकी वजह से कॉलेज बदल दिया , शहर में सबसे बड़ा कॉलेज होने कि वजह से स्टूडेंस कि कमी नही थी और कोई ढंग का कॉलेज खुल ही नही पाया या समझिए राजेश के मामा दुष्यंत सिंह ने खुलने नही दिया, उसी कॉलेज में निकिता वर्मा भी पढ़ती है वह सेकंड ईयर साइंस की स्टूडेंट है और धरम फाइनल ईयर का दोनो में बहुत अच्छी बॉन्डिंग भी हैं पर सिर्फ दोस्ती तक क्योंकि धरम पढ़ाई लिखाई खेल कूद के अलावा बाकी कामों में कभी कोई इंट्रेस्ट ही नही लेता था, राजेश की गंदी नज़र निकिता पर भी थी वह पूरे कॉलेज में सबसे सुंदर भी थी अभी 6 महीने पहले मिस जवाहर भी बनी थी ,कॉलेज के ब्यूटी कॉन्टेस्ट में टॉपर रही थी तभी से राजेश उसका दीवाना था ,पर उसपर हाथ नही डाल पाया था क्योंकि वह भी होम मिनिस्टर कि बेटी थी, और उसके मामा ने साफ साफ उसे समझाया था तु कुछ भी कर मैं तेरे साथ हुं, पर ऐसा कोई काम नही करना जो मेरे पॉलिटिकल कैरियर को डिस्टर्ब करे, इसी वजह से निकिता के मामले में शांत रहता है , राजेश पिछले तीन सालों से छात्र संघ का अध्यक्ष नियुक्त होता रहा है ,उसके सामने जो भी खड़ा होता वह बुरी तरह से हार जाता था ,अब एक महीने में छात्र संघ का चुनाव था ,और राजेश को इस बार उम्मीद थी कि उसके अगेंस्ट कोई भी खड़ा होने कि हिम्मत ही नहीं करेगा कोई हरना नही चाहेगा, पर वह गलत फहमी में था इस बार उसके सामने खड़ा करने के लिए सभी ने एक नया कैंडिडेट सोच रखा था , जिसमे प्रिंसिपल से लेकर प्रोफेसर्स और मैक्सिमम स्टूडेंट भी साथ थे , और इसकी मुखिया थी निकिता ,निकिता ने धरम को इस बार चुना लड़ाने कि सोच लिया था, वह सब धरम से बात करते हैं तो वह सीधे सीधे मना कर देता है ,वह कहता है " ये सब मेरा काम नही है में यहां पढ़ने आया हूं , मैं एक मिडल क्लास घर से हूं ,मेरे बस की बात नही है ये पॉलिटिक्स ,"! पर जब प्रिंसिपल साहब खुद उसके पास आकर कहते हैं," धरम हम सभी चाहते हैं कि तुम चुनाव लड़ो ,हैं इस राजेश से तंग आ चुके हैं , तुम्हे तो पता है ना कुछ महीने पहले उसने किस तरह हम सबकी बेइज्जती कि थी , "!! धरम कहता है " सर ये कॉलेज उसके मामा का है , वो सब बड़े लोग हैं ,कुछ भी कर सकते हैं,हमे तो आज रात सोने से पहले कल के बारे में सोचना पड़ता है, "!! निकिता कहती है " यार ये कॉलेज है सांसद भवन नही देश का चुनाव नही लड़ रहे हो, काम से कम तुम जीतोगे तो स्टूडेंट्स का भला होगा, कुछ तो उसका टेंशन काम होगा , *"!! सभी पीछे पड़ कर धरम को माना लेते हैं,"!
राजेश को उसका चमचा स्टूडेंट रफिक आकर बताता है," भाई इस बार आप की वाट लगेगी ,"! राजेश गुस्से से बोलता है " क्यों बे कनखजूरे ड्रग्स ले लिया क्या , साला मेरी वे कौन लगाएगा बे,"!! वह कहता है " अभी तुमको ड्रग लेना पड़ेगा दिमाग ठंडा करने के लिए ,अपना वो कॉलेज का हीरो जिसको तुम भी सपोर्ट करते हो, सुनाने में आया है अपोजिट गैंग उसे खड़ा करने के मूड में हैं, वह कहता है कोई भी खड़ा हो क्या फरक पड़ता है, और कोई खड़ा होगा तभी तो मजा आयेगा,ऐसे खाली खाली जितने में मजा नहीं आता है लोग बोलते हैं ट्रस्टी का भांजा है इसलिए जीत जाता है , चल इस बार कोई तो दमदार खड़ा हो रहा है ,कुछ तो टक्कर देगा ही और अपना चेला ही है जीत भी गया तो अपना ही आदमी है, पर जीतेगा तब ना , अपुन साला पूरे स्टूडेंट को दारू शारु में डूबो देता है ,वो तो एक पकोड़ा भी खिलाने लायक नही है,"!! रफीक उसका मुंह देखता है,वह सोचता है कि राजेश कुछ ज्यादा ही ओवर कॉन्फिडेंस में है, वह फिर बोलता है," भाई एक बार सोच लो ,मामला टक्कर का हो सकता है,"!! राजेश बोलता है , " अगर वो जीत गया तो मैं ये कॉलेज छोड़ दूंगा,!!!