भाग 17
निकिता घबरा कर पुलिस को फोन कर देती हैं, धरम सबकी जबरदस्त धुनाई करता है , उसी समय वहां से सतीश की गाड़ी गुजरती हैं तो गाड़ी रोक कर भाग कर आता है ,तब तक तो धरम सभी के मुंह तोड़ चुका था , *"!!
सतीश धीर कहता है ,*" धरम तुम अच्छे लड़के होकर मार पीट करते हो अच्छी बात नही है, *"!!
धरम कहता है *" सर आप यहां खड़े सभी से पूछ लीजिए मैं तो चुप चाप खड़ा निकिता की बाते सुन रहा था ,ये तो अपने आप जबरन आकर भिड़ गए , *"!!
निकिता कहती है *" भिड़ नही गए ये लोग इसे मारने के इरादे से आए थे ,मुझे लगता है ये सब दुष्यंत सिंह के लोग हैं ,उसी समय पुलिस वैन भी आ जाती है , सतीश को देख पेट्रोलिंग टीम का एस आई उन्हे सैल्यूट मारता है , और पूछता है ,*" सर क्या लफड़ा हो गया ,*"??
सतीश कहता है ,*" इन टपोरियों को गाड़ी में डाल के पुलिस स्टेशन ले चलो मैं आता हूं किसी का भी फोन आए तब भी मेरे आने से पहले ये लोग वहीं रहेंगे ,*"!!
उन सभी को गाड़ी में भरकर ले जाते हैं, !!
सतीश धरम से कहता है *" मुझे पता चला की तुम्हे कॉलेज से गलत तरीके से रिस्ट्रीकेट किया गया, टेंशन मत लो मैं उस कॉलेज पर करवाई करूंगा ,तुम सिर्फ अपना वो सर्टिफिकेट दे दो कॉपी करके और हां अभी मेरे साथ पुलिस थाने चलो ,में तो तुम्हारे घर ही आ रहा था , पर यहां तो मामला ही अलग था, अब उनकी रिपोर्ट तो लिखानी होगी, *"!!
सतीश कुछ दुकान वालो के बयान रिकॉर्ड करके लेता है,!!
निकिता और धरम साथ में ही थाने जाते हैं , वहां पर सतीश उनसे एफ आई आर लिखवाते है , और धरम को समझाते हैं और कहते हैं *" देखो यार तुम एक अच्छे लड़के और अच्छे स्टूडेंट हो ,तुम इस तरह से मार पिट करोगे तो बात जमेगी नही बिगड़ेगी , *"!!
धरम कहता है *" सर कल से आज तक में दो बार मुझ पर हमला हो चुका है ,आप क्या चाहते है ,में चुप चाप मार खाऊं या मारा जाऊं , मैं डरपोक नही हूं , और ना ही गांधी जी हूं की कोई आकर एक थप्पड़ मारे तो दुसरा गाल आगे कर दूं , एक बार धोखा खाया है ,अब नही खाऊंगा ,*"!!!
सतीश के पास भी इस बात का कोई जवाब नही था , फिर भी वह कहता है ,*" मेरा नंबर तुम्हारे पास है , एनी टाईम मुझे कॉल कर सकते हो, मैं तुम्हारे साथ हूं ,*"!!
रितिका सतीश का नंबर लेती है , और कहती है*" सर मैं जरूरत पड़ने पर आपको कॉल करूंगी ,*"!!
सतीश कहता है *" आपको मुझे कॉल करने की क्या जरूरत है , आपके फादर को कौन नहीं जानता है ,उनका नाम ही काफी है *"!!
निकिता कहती है *" सॉरी सर मैं अपने लिए नहीं धरम के लिए कॉल करूंगी , *"!!!
दुष्यंत सिंह बौखलाया घूम रहा है ,वह बड़बड़ाते हुए कहता है ,*" ये लतीफ भी पूरा फालतू निकला ,साला हरामखोर एक लौंडे को मार नही पाया उल्टे मार खा कर हवालात में पहुंच गया , दिल तो करता है उस लौंडे के साथ उसे भी गोली मार दूं ,*"!!!
राजेश कहता है *" मामा जी आप बेवजह बात को इतना तूल दे रहे हैं *"!!
दुष्यंत क्रोधित होकर उसका कॉलर पकड़ कर खींचते हुए कहता है *" हरामखोर उसने मेरे गाल पर थप्पड़ उस कमीने प्रिंसिपल के सामने मारा है ,यदि किसी को पता चला तो मेरी क्या इज्जत रहेगी *"!!
वह उसका कॉलर छोड़ता है और कहता है ,*" सब तेरी वजह से हुआ है , तूने उसके आगे बढ़ने ही नही देता तो इतना सब होता ही नही , *"!!!
राजेश कहता है ,*" मेरी ही वजह से उसकी जिंदगी भी तो बरबाद हुई है ,ये आप क्यों नहीं सोचते ,आपको अपनी इज्जत प्यारी है मामा ,पर अपने क्या किया आपने तो उसकी जिंदगी बरबाद कर दिया सिर्फ इसलिए कि वह चुनाव में खड़ा हो गया , आप बार बार मुझे धमकी देते हैं तो यह भी समझ लीजिए मैं ही हूं जो पूरे कॉलेज में आपके काले कारनामों का राज्य चल रहा है , जिस दिन मैं गया उसके बाद उस कॉलेज में आप कुछ करके देख लीजिए, *"!!
दुष्यंत उसे गुस्से से देखता है ,और एक थप्पड़ मारते हुए कहता है ,*" चल जा तु भी जा साप को पालने का यही नतीजा होता है , मौका मिलते ही फन फुफकारने लगता है , आज के बाद अपनी गंदी शकल मत दिखाना मैं कॉलेज का सब देख लूंगा ,*"!!!
राजेश की आंखो में आंसु आते हैं ,इसी मामा के लिए ना जाने कितने गलत काम किया , इसी मामा की वजह से वह पढ़ाई में भी पिछड़ता गया , पहले वह जब गांव में था तब पढ़ने में बहुत ही तेज़ था , !!!
मामा गांव आए और मां से जबरन मांग कर ले की मेरे साथ रहेगा तो इसे बहुत बड़ा आदमी बन दूंगा ,पर यहां तो इतना बुरा आदमी बना दिया जिसका कोई अंत नहीं है*"!!
क्रमशः