भाग 8
धरम को रैपिस्ट अपराधियों के बैरक में डाल देते हैं ,एक दो लोग उसके साथ बदतमीजी करने कि कोशिश करते हैं , एक तो आकर उस से पूछता है " क्या रे चिकने मजा आया ना रेप करने में , अपुन को तो बहुत मजा आता है ,जब लड़कियां चीखती हैं ,रोती है और कहती हैं भगवान के लिए मुझे छोड़ दो भगवान के लिए मुझे छोड़ दो ,अब उनको बोल बोल के थक गया , कि मेरा ही नाम भगवान है , मेरे लिए ही हो तो इतना नखरा काहे को , साला हम अकेला मजा करता है क्या ,उनको अपुन से ज्यादा मजा आता है ,फिर भी ड्रामा बाजी करती है "!! दूसरा कहता है ,"* कौन सा घस जाने वाला है , क्या फर्क पड़ता है अगर किसी ने थोड़ा एंजॉय कर लिया तो, धरम को बहुत गुस्सा आता है और वह चिल्ला कर कहता है "* बस,!!! बंद करो अपनी सड़ी हुई बकवास अब अगर किसी ने एक शब्द भी बोला तो मैं उसका मुंह तोड़ दूंगा मैं तुम लोगो की तरह घटिया इंसान नही हूं मुझे फसाया गया है, मैं बेकसूर हूं, "!! एक गुंडा टाइप का उठते हुए कहता है ," सभी पहले गांधी ही बनते हैं ,पर धोती खोलने पर वो कुछ और निकलते हैं ,और सुन रही बात मुंह तोड़ने की तो चल तोड़ के दिखा ,चल दिखा तोड़ के वरना मैं बाहर निकलूंगा तो तेरे घर में जाकर ,"!!! उसकी बात पूरी नहीं होती है उसके पहले धरम उसका कॉलर पकड़ कर उसे उठाता है और इतनी जोर से पटकता है कि उसकी कमर कि हड्डी ही टूट जाती हैं ,वह चीख पड़ता है , धरम गुस्से में कहता है ,*" और किसी को कुछ कहना है, सभी उस बैरक के बॉस कि हालत देख चुप हो जाते हैं, उसमे तो कुल 6 लोग ही थे , एक चिल्लाने लगा तो सिपाही आकर देखता है तो पता चलता है कि धरम ने उसको उठाकर पटक दिया और शायद उसके कमर की हड्डी टूट गई , उसे हॉस्पिटल लेकर जाते हैं , धरम एक तरफ जाकर चुप चाप बैठ जाता है , जेल में इस तरह कि घटनाएं तो आम बात है,रोज लोग आपस में लड़ते हैं ,कई तो अपना वर्चस्व कायम करने के लिए लड़ते हैं ,तो कोई अपनी आदतों की वजह से लड़ता है ,जेल में शासन का कम जंगल राज अधिक चलता है ,जो जितना अधिक ताकत और पैसा रखता है उसे उतनी ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं,,,!
सुबह धरम को कोर्ट में हाजिर किया जाता है, वहां उसके पिता भी मौजूद थे उन्होंने एक वकील किया था पर उसे पुलिस रिमांड के लिए मांगती है तो उसे 5 दिन के रिमांड में दे देते हैं, पुलिस अधिकारी उसे अपने कस्टडी में लेकर पुछ ताछ करते है, अधिकारी नया और यंग लड़का ही था ,अभी अभी पहली पोस्टिंग हुई थी ,उसका नाम था सतीश धीर , वह पहली नजर में और उसकी बातो से समझ गया कि इस पर झूठा मामला डाला गया है , वैसे भी पुलिस वालो को इतना अंदाजा पहले ही हो जाता है कि कौन अपराधी है और कौन नही है,पर सब पैसे का खेल है इस चक्कर में निर्दोष अपराधी साबित कर दिया जाता है और अपराधी निर्दोष करार दिया है,पर सतीश उन सबसे हट कर था ,अभी नया नया ज्वाइन किया था और कुछ अच्छा करने का इरादा भी था , और गलती से पहला केस ही धरम का मिल गया या कहें धरम कि किस्मत अच्छी थी जो सतीश जैसा ऑफिसर उसका इंक्वायरी ऑफिसर बना, सतीश धरम से अकेले में सारी बात करता है ,धरम उसे पूरी बात शुरू से लेकर अंत तक का बताता है , कुछ ऐसी ही घटना सतीश के साथ भी होते होते रह गई थी वह भी इसलिए कि पहले से ही इन खेलों का माहिर था ,उसे शुरू से पुलिस ऑफिसर बनना था तो वह उस बारे में काफी पढ़ता रहता था , वह धरम कि फाइल पढ़ता है और फोटो ग्राफ्स देखता है तो चौक उठता है , वह एक हवलदार को बुलाकर उसे फोटोग्राफर को या जिसने भी फोटो खींचा था उसे बुलाने के लिए कहता है थोड़ी देर में वह लड़का हाजिर हो जाता है , सतीश उस से कहता है *" तुम्हे यह तो पता होगा कि किसी को झूठे केस में फसाने कि कोशिश करने वाले को भी सज़ा मिलती हैं, वैसे हमे सभी बाते पता चल चुकी है ,फिर भी तुम ये बताओगे कि जब कॉलेज बंद हो चुका था तब तुम वहां क्या कर रहे थे, और खास कर उस क्लास रूम के पास क्या कर रहे थे ,तुम्हे पहले से पता था कि वहा क्या होने वाला है और तुम्हे उसका फोटो खींचना है,"!! वह लड़का समझ गया कि अब अगर उसने झूठ बोलने कि कोशिश कि तो वह फस जायेगा और वैसे भी वह कोई क्रिमिनल तो था नहीं, उसे तो लड़की ने कहा था कि उसका बॉयफ्रेंड नाराज़ हैं उसे थोड़ा परेशान करना है ,वह उसके सामने थोड़ा ड्रामा करेगी और तुम फोटो खींचना बाकी मैं क्या करना है देख लूंगी,में तुम्हे इतने काम के लिए 2 हजार रुपए दूंगी , उसने सोचा दो चार फोटो खींचने के इतने पैसे मिल रहे हैं,तो कर देते हैं ,सतीश से वह सब बता देता है ,"!!!
क्रमशः