भाग 14
दुष्यंत सिंह अपने कमरे में परेशान टहल रहा था ,उसे समझ नही आ रहा था की वह क्या करे,अगर वह तुरंत रिएक्ट करता है तो सब समझ जायेंगे की वह उस लड़के से डर गया ,और उसे डराने की कोशिश कर रहा है, उसी समय राजेश आता है और वह हाल के निशान देख शांति से कहता है*" मामा जी थोड़ा वेट करिए उसे ऐसा सबक सिखाएंगे की वह जिंदगी कि भीख मांगता फिरेगा, *"! दुष्यंत उसे देखता है और कहता है, *" ये सब तुम्हारी बेवकूफी का नतीजा है ,दिल तो करता है ,तुम्हे ही गोली मार दूं,*"!
धरम अपने कॉलोनी में पहुंचता हैं, वह बहुत ही डिस्टर्ब था , वह समझ नही पा रहा था कि उसके साथ यह सब अचानक क्या हो गया ,अच्छी खासी शांत जिंदगी चल रही थी पर अचानक सब कुछ बदल सा गया ,वक्त ने ऐसा करवट बदला की सबकुछ तबाह होने की कगार पर है,जबकि उसने ना ही कोई गलत काम किया और ना ही किसी का कुछ बिगाड़ा था,वह अपनी उधेड़ बुन में चल रहा था ,की अचानक किसी से टकरा जाता है या यूं कहें कि सामने वाले खुद जानबूझकर टकरा गए,धरम देखता है तो कुछ गुंडे टाइप के लोग उसे घेर कर खड़े हैं,वह कहता है*" आप लोगो को कोई प्रोब्लम है मुझसे *"??
उसके सामने खड़ा एक कद्दावर आदमी कहता है,*" हमे हर रेपिस्ट से प्रोब्लम है,*"!! धरम गुस्से में कहता है ,*" मैं रेपिस्ट नही हूं मुझे कोर्ट ने भी क्लीन चिट दी है,*"!! वह कहता है*" ये कोर्ट ,पुलिस हमारे लिए रोज का खेल है ,इनको पैसे दो और सभी क्लीन चिट ले लो, वैसे तो तू दिखता चिकना है ,पर अंदर से तो मन कला ही है,*"!! धरम कहता है *" अपनी जबान को लगाम दे वरना ठीक नही होगा,*"! वह गुंडा हंसते हुए कहता है, *" ये देखो एक रेप करके अब बड़ा गुण्डा बन गया हैं धमका रहा है ,*" ! वह धरम को जोर से धक्का देता है , धरम गिरते गिरते बचता है, और फिर गुंडा कहता है ,*" अबे गली के कुत्ते ये मेरा इलाका है , गगन ,गगन नाम है मेरा ,बच्चा बच्चा जनता है मुझे , तु मुझे धमकी दे रहा है,में तेरा दिमाग अभी ठीक करता हूं,*" ! अपने आदमियों से कहता है,*" बता दो इसे हम कौन है ,और इस नाली के कीड़े की औकात क्या है, *"! उसकी बात से धरम को बहुत ही गुस्सा आ जाता है और पहले से ही वह तपा हुआ था ,उसके आदमी बढ़ते उसके पहले ही
वह एक जोरदार घुसा गगन को मारता है ,गगन वहीं गिर पड़ता है ,जो आदमी उसकी तरफ बढ़ रहा था उसे उछलकर एक किक मारता है तो वहां भी गिरता है, अब उन्हे तो ये पता नही है की धरम किक बॉक्सिंग चैंपियन हैं , गगन को सपने में भी उम्मीद नही थी की कोई उसे मार सकता है ,एक घुसे ने उसके सामने के दो दांत तोड़ दिए थे, और उसके होंठ बुरी तरह से फट गए थे ,उसके कपड़े खून से सरोबर हो गए थे, आस पास के लोग दूर से खड़े होकर तमाशा देखने लगते हैं , दुकानदार तो अपनी दुकानें बंद करने लगते हैं क्योंकि गगन पर हाथ उठाने का मतलब हंगामा होना,गगन के आदमी एक साथ धरम पर टूट पड़ते हैं ,पर धरम भी पहले ही स्थिति समझ कर तैयार हो गया था, वह सभी को धूल चटाता हैं ,5 मिनट में ही आठ लोग जमीन पर पड़े थे, धरम गगन को कॉलर से पकड़ कर उठाता है , और कहता है*" धरम नाम है मेरा ,आज के बाद कभी मेरे सामने दिखा तो सीधे ऊपर जायेगा समझा,*"!! गगन अपना खून साफ करते हुए उसे देखता है, धरम उसे एक लात जोरदार मारता है तो वह चीख कर कहता है,*" समझ गया भाई अब काहे को मार रहे हो ,आज से हम यहां नही दिखेंगे वैसे भी तुमने हमारी इतनी बेइज्जती कर दी की हम यहां नही रह सकते,*"!! वह सभी गुंडे कराहने लगी थी ,धीरे धीरे उठते हैं और पास खड़ी अपनी ओपन जीप में बैठ कर जाते हैं , कॉलोनी के लोग बहुत खुश होते हैं, वह धरम की जय जयकार करने लगते हैं ,दुकानें फिर से खुल जाती है, वहां सामने होटल वाला उसके पास आता है और कहता है*" धरम भाई ,आइए ठंडा पी लीजिए फिर जाइए, *"!! वह जबरन उसे पकड़ कर अपनी होटल में ले जाता है ,धरम भी थोड़ा अपना गुस्सा शांत करना चाहता था,तो चुप चाप चला गया, वह उसके लिए ठंडा लाकर रखता है और कहता है*" बहुत बढ़िया काम किया आपने , ये बहुत हरामी आदमी था किसी की सुनता ही नही था ,जबरन लोगो से वसूली करता था, घर की बहु बेटियों को गंदी नजरो से देखता था,काम से कम इस कमीने से छुटकारा मिला ,*"!! उसी समय उसके मां और पिता जी भागते हुए आते हैं ,उन्हे शायद किसी ने बता दिया था कि गगन ने तुम्हारे बेटे को पकड़ लिया है ,तो वह बुरी तरह से घबरा गए थे, वह गगन को अच्छी तरह से जानते थे ,क्योंकि वह एक दो बार स्कूल में भी आकर हंगामा कर चुका था,*"!!
क्रमशः