भाग 28
दूसरे दिन धरम को एक बड़े कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है , कॉलेज वाले तो उसका ऐसा स्वागत कर एडमिशन देते है जिसे देख धरम भी आश्चर्य चकित रह जाता है , उसे अब एहसास होता है की उसका कितना नाम हो चुका है , आज वह बहुत खुश है , ,!!!
सभी कॉलेज के प्रेसिडेंट के रूप में उसे निर्विरोध चुन लिया जाता है , *"!!
उसके माता पिता भी बहुत खुश है , !!!
धरम अपने घर से बाहर निकलता है तो आज बहुत दिनों बाद वह पगली लड़की उसका रास्ता रोकती है और कहती है ,*" ये तु मेरे से शादी कर ले ना ,मैं तुझे बहुत प्यार करती हूं ,*"!!!!!
वह उसका हाथ पकड़ती है ,और अचानक चकरा कर गिर पड़ती है , धरम उसे सम्हालता है , और उसके घर वालो को आवाज देता है , उसके घर में उसकी मां ही अकेली थी , वह भागकर आती है , धरम उसे उठाकर साथ लेकर सामने ही एक नर्सिंग होम में लेकर जाते हैं , "!!!!
डॉक्टर चेक अप करके कहती है ,*" इसके हसबैंड कहां है ,*"!!
यह सुन उसकी मां और धरम दोनो ही चौक उठते हैं ,उसकी मां तो वहीं चक्कर खा कर गिर पड़ती है , धरम उसे भी सम्हालता है , ,*"!!!
बस्ती में हंगामा मच गया था , धरम सतीश से बताता है तो वह इंक्वायरी शुरू करते हैं ,!!!!
धरम अपने तरीके से पता करता है तो उसे पता चलता है की उनके घर के पड़ोस में रहने वाला पड़ोसी ने ही उसके पागल पन का फायदा उठाकर उसके साथ व्यभिचार करता रहा हैं ,यह बात उसने सतीश को बताया तो वह तुरंत एक्शन लेता है और उस आदमी को अरेस्ट करता है ,!!!
वह आदमी बहुत हंगामा करता है की उसे झूठा फसाया जा रहा तो उसका मेडिकल करवाया जाता है दोनो के मेडिकल चेक अप से पता चल जाता है की यह कांड उसी ने किया है ,वह पागल लड़की भी कहती है की यह रोज उसे सताता था और कपड़े उतार कर मस्ती करता था , सतीश को उस आदमी पर बहुत क्रोध आता है , वह उसको कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के प्रयास में लग जाता है ,!!!
धरम लड़की के मां से कहकर उसका कानूनन अबॉर्शन करवाता हैं, इन सब कामों में उसके चार पांच दिन चले जाते हैं
दुष्यंत पर सजा तय हो गया , उसे कम से कम बीस साल की सजा तो होनी ही थी हो सकता है फांसी की सजा भी हो जाए ,*"!!
और यह सब सतीश के मेहनत और होशियारी का ही नतीजा था वरना दुष्यंत को फसाना इतना आसान नहीं था , !!!
धरम फिर से कॉलेज जाना शुरू करता है , वैसे तो वह दुष्यंत के कॉलेज का भी केस जीत गया था ,और ट्रस्टी पर उसने एक करोड़ का मानहानि का केस भी दर्ज कर चुका था जो की उसके पक्ष में ही होना था , !!!
राजेश अभी भी धरम के साथ ही रह रहा था ,वह घर से निकल कर ऑटो का वेट करते हुए खड़ा था , तभी एक जीप उसके पास आकर रुकती है और तीन चार लोग उसमे से उतरते है ,और तेज़ी से उस पर चाकू और दूसरे हथियारों से उस पर हमला करते हैं ,राजेश भी अच्छी खासी पर्सनालिटी का मालिक था , वह पहले वार पर ही खुद को बचाता है ,और दो लोगो को धक्का मारता है ,तब तक एक पीछे से उसके पीठ पर चाकू घोंप देता है वह जोर से चीखता है ,!!!
तब तक बस्ती के लोग यह देख चिल्लाते हुए दौड़ पड़ते है , धरम ने इस बस्ती में इतनी जान तो फूक दिया था की उन्हे अपना सेल्फ डिफेंस और बस्ती के लोगो को बचाने का तरीका पता चल गया था,बस्ती के लोगो को आता देख वह लोग घबरा कर भागते हैं ,राजेश वही गिरता है उसके पीठ से खून की धारा बह रही थी ,*"!!!!
धरम और निकिता भागते हुए हॉस्पिटल पहुंचते हैं , वहा पर धरम के माता पिता और कुछ बस्ती वाले मौजूद थे , बस्ती के लोगो ने ही राजेश की हॉस्पिटल पहुंचाया और तुरंत ही रक्त दान भी किया था , *"!!
धरम को देख उसकी मां कहती हैं ,*" बेटा तीन चार जगह चाकू का गंभीर घाव हुआ है खून बहुत बह गया है , पीठ में रीढ़ कि हड्डी पर चाकू लगने के कारण उसकी कुछ नसे कट गई है ,जिस कारण उसका अर्जेंट ऑपरेशन करना पड़ा है *"!!!
सतीश भी थोड़ी देर में आता है वह कहता है *" हमलावर इस शहर के नही है , और वह लोग पेशावर कातिल ही होंगे ये हत्यारे लोग नॉर्मली पिस्टल बंदूक का उपयोग नही करते है ,क्योंकि उस से आवाज होती है , मैने अपने मुखबिर लगा दिए हैं ये जरूर किसी दूसरे राज्य के हैं *"!!!
हर्षा अपने गांव के घर में बैठी है , वहा उसे खबर मिलती है की राजेश पर हमला हुआ तो है पर वह मरा नही सीरियस हॉस्पिटल में है और पुलिस हमलावरों की खोज कर रही है, *"!!!
हर्षा गुस्से से चीख उठती है , और कहती है *" हरामखोरो एक काम भी ढंग से नहीं करते हो , लगता है मुझे खुद ही उसे गोली मारनी होगी *"!!!
क्रमशः