भाग 3
राजेश अपने आगे किसी को समझता ही नही था ,उसे लगता है कि अच्छा स्टूडेंट होना और अच्छा नेता होने में बहुत फर्क है, वह अपने गर्ल फ्रेंड से मिलने चले जाता है,
रितिका धरम के साथ है ,एक तरह से उसे धरम से प्यार होने लगा था ,उनके साथ कई लड़के लड़कियां भी है ,सभी चुनाव के बारे में डिस्कस कर रहे हैं, सभी लड़के कहते हैं कि इस बार उसकी दारू पीकर उसका खाकर भी सब आपको वोट देंगे क्योंकि उसने सभी को कहीं ना कहीं दुखी किया है, "!!
रात रितिका धरम को उसके घर के पास अपनी कार से छोड़ती हैं और कहती हैं," तुम्हे छोड़ने का दिल नही कर रहा है, पर क्या करू घर भी जाना होगा ,"!! धरम कहता है ," फालतू बातों में दिमाग मत लगाओ ,दिल को तो जबरदस्ती दोष देते हो, दिल तो बेचारा अपना काम कर रहा होता है, सब कुछ कचरा इस दिमाग में भरा रहता है, उसे बाहर निकालो और पढ़ाई पर ध्यान दो, "!! वह गुड नाईट बोल कर जाता है , रितिका सोचती है " अजीब लड़का है ,इतनी लड़कियां इस पे मरती हैं और ये हैं कि इसे पता ही नही चलता है,में दिन रात साथ रहती हूं ,पर आज तक कभी छुआ भी नहीं कमल का लड़का है, "!! वह भी जाती हैं, "!
धरम घर पर पहुंचता है तो उसके पिता पूछते हैं " आज कल इतनी देर क्यों हो जाती है , किसी और काम में लग गए क्या ,"!! धरम कहता है ," बाबू जी वो कॉलेज में इलेक्शन है तो लोगो ने जबरन मुझे खड़ा कर दिया है, "!! उसके पिता उसे ध्यान से देखते हैं और कहते हैं ,* बेटा तू सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे ये इलेक्शन विलेक्शन हम लोगो के लिए नही है ये सब वो लड़के करते हैं जिनका पढ़ाई लिखाई से कोई लेना देना नही होता है, "!! धरम कि मां खाना लाकर रखती हैं धरम चुप चाप खाना खाता है उसकी मां भी समझाती है कि तेरे बाबूजी जो बोल रहे हैं ,सही बोल रहे हैं, वह कोई जवाब नही देता है ,वह उठकर हाथ धोता हैं और फिर कमरे में आकर बेड पर बैठ जाता है वह अजीब से कश्मकश में फस गया था , किसकी सुने और किसकी नही , वह बेचारा इन्ही विचारो में कब सो गया उसे पता ही नही चला, "!!
सुबह उसकी मां उसे चाय के लिए उठाती है , और कहती हैं " बड़ी गहरी नींद में सो रहा था मैं दो बार आई पर तुझे उठाई नही , "!! वह उठकर चाय लेता है ,उसे बेड टी कि आदत है ,तो चाय पीने के बाद ही वह दूसरे काम करता था , आज उसे बहुत देर हो गया था ,वह जल्दी से तैयार होता है और निकलने लगता है तो मां उसे सौ रुपए देती है और कहती हैं " बाप कि बात का बुरा मत मानना ,जो भी करना सोच समझ कर करना ,"!! वह मुस्कराकर मां के पैर छूता है ,यह उसका प्रति दिन का नियम है बाहर जाने से पहले मां का पैर जरूर छूता है, "!
बाहर धूप कड़क हो चुकी थी , लोग अपने अपने काम धाम के चक्कर में भागते हुए दिखाई दे रहे थे, आवारा कुत्तों भौंकने में लगे हुए थे , धरम के घर के सामने एक लड़की रहती हैं जो दिखने में अजीब सी है और धरम के पीछे पड़ी रहती थी , रोज उसके सामने खड़ी होकर मुस्कराने लगती थी, धरम उसे देख न ही चिढ़ता थाना ही कोई रेस्पॉन्स देता था आज भी वह आई हुई थी और सामने खड़ी दांत निकाल कर हंस रही थी ,वह दिमाग से थोड़ी पैदल ही थी, धरम उसके साइड से निकलता है तो वह कहती है " इतना भाव क्यू खाता है ,एक बार मुस्कराने में भी पैसा लगता है क्या , पर धरम उसकी तरफ देखता ही नही , उसे तो क्या जब निकिता जैसी लड़की उसकी दीवानी हो और भाई को उसका एहसास भी न हो तो कोई क्या कर सकता है , ऐसा नहीं कि उसमे किसी भी प्रकार कि कमी है , पर उसका स्वभाव ही ऐसा है, वह लव प्यार ,ये सब फालतू कि बाते मानता है ,उसका सोचना है कि जब जिसका समय हो वो करना चाहिए अभी पढ़ाई का समय है तो पढ़ाई करो जब शादी का समय होगा तो सीधे शादी करो ये फालतू के चक्करों में क्यों पड़ने का, कुछ लड़के लड़कियां उसे धरम बाबा भी कहती हैं ,वह यहां तक कहती हैं कि बाबा पढ़ लिख कर हिमालय जायेंगे और वही बैठकर राम नाम जपेंगे,"!!
वह कई विचारो में खोया हुआ , अपनी कॉलोनी के बाहर आता है तो सामने कार लिए रितिका खड़ी दिखती है ,वह उसके पास जाकर कहता है" यार तुम मेरी आदत मत खराब करो , उसे रोज की तरह आने जाने दो ,*"!! रितिका सर पर हाथ मारती हैं और कहती हैं ,"* में आधे घंटे से खड़ी जनाब का इंतजार कर रही हूं और जनाब आते ही मुझे ही डांट रहे हैं ""!
क्रमशः