भाग 10
सतीश धीर उस लड़की से सब कुछ लिखवा लेता है ,और उसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाता है , राजेश और उस फोटोग्राफर का भी स्टेटमेंट लेते हैं , और उन सबको सुबह कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहते हैं, सभी जाते हैं ,सतीश बढ़िया खाना मंगवा कर धरम को खिलाता है और कहता है कि कल तक तुम बाहर रहोगे , धरम कि आंखो में आंसू आते हैं, वह सतीश को थैंक्स कहता है , सतीश कहता है ,*" थैंक्स की जरूरत नहीं है , ये तो हमारा कर्तव्य है ,और तुम लकी हो कि मेरे पहले ज्वाइनिंग का पहला केस तुम्हारा ही मिला वरना इन लोगो ने तो तुम्हारा सत्यानाश तो कर ही दिया था , वैसे तुम कहां इन फालतू चक्करों में पड़ गए थे , ये राजनीति सबसे गंदी है , इसमें तो उसी को आना चाहिए जो हरफन मौला हो,जिसमे बुराई कुंट कुंट के भरे हों, और इंसानियत नाम कि चीज न हो, चलो अब सो जाओ सुबह निकलना भी अब टेंशन फ्री होकर सो जाओ, *"! वह उठ कर जाता है ,धरम सोच में पड़ता है,! वह सोचता है की जब तक वह इस चक्कर में नही पड़ा था कॉलेज का हर लड़का लड़की उसके फैन थे ,वह राजेश सबको परेशान करता था पर कभी भी उसको उसने कुछ नहीं कहां उसने तो इसके लिए भी समझाने का प्रयास किया था,पर वह निकिता और दूसरे लोगो कि बातो में आकर उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और आज सभी गायब है ,किसी ने खोज खबर तक नहीं ली , निकिता जो उसको चाहती हैं पर एक बार भी मिलने कि कोशिश तक नहीं की, प्रिंसिपल से लेकर प्रोफेसर्स तक सभी मुझे कितना इज्जत देते थे पर सभी गायब हो गए सभी मेरे कैरेक्टर की गारंटी देते थे ,और वह लोग भी उस वक्त सामने नहीं आए, ना ही कोई फ्रेंड नजर आया ,पर ऐसा क्यों ,यही लोग मेरे आगे पीछे घूमते थे , और अचानक मेरे कैरेक्टर की गारंटी खतम हो गई, किसी ने यह भी जानने कि कोशिश भी नही कि , की मैं सही हूं या गलत , बेचारे मेरे मां बाबूजी का क्या हाल होगा उन्हे तो कम से कम मुझ पर विश्वास होगा ही, उसकी आंखे झपकने लगती है और वह सोचते सोचते सो जाता है और सपने में को जाता है *" वह सपना देखता है कि वह कोर्ट से छूट कर घर जा रहा है तो सभी लोग उसे खा जाने वाली नजरो से देख रहे थे, एक दो लोग तो कह भी देते हैं देखो भाई रेपिस्ट छूट कर आ गया है, अपनी अपनी लड़कियों और बहनों को घर से बाहर मत निकलने देना, धरम को बहुत बुरा लगता है पर वह क्या करता , वह जैसे घर पहुंचता है, कुछ लोग लाठी डंडे लेकर आ जाते हैं और कहते हैं ,इस कॉलोनी में हम रेपिस्ट को नही रहने देंगे ,उसके मां बाबूजी बाहर आते हैं और धरम से कहते हैं "* बेटा अंदर चलो,इनकी बात पर ध्यान मत देना,ये सब तो कुछ दिन में चुप हो जायेंगे, *" !! एक आदमी भड़क कर कहता है *" ओ बुड्ढे कौन चुप हो जायेगा और क्यों चुप हो जायेंगे,*"! धरम गुस्से से उसको देखता है,तभी दूर कहता है ,*" आते भाई शांत रहो देखो कैसे गुस्से से देख रहा है लगता है जैसे अब ये हमको जान से मार देगा , ,*"! धरम के पिता उसे लेकर अंदर जाने लगते हैं तो पहले वाला आदमी बोलता है "*, ओय ! बुड्ढे तुझे सुनाई नही पड़ा , तु दूसरे बच्चो को चरित्र का पाठ पढ़ाता है ना थोड़ा इसको भी पढ़ा दिया होता , इसको छोड़ तु जा अंदर ,*"! धरम को गुस्सा आता है और कहता है*"हरमखोर तमीज से बात कर, वो तेरे बाप के उम्र के हैं और अध्यापक भी हैं, अब एक शब्द भी बोला तो जुबान खीच लूंगा, *"!! दूसरा वाला बोलता है ,*" ये देखो अब यह रेपिस्ट भी प्रवचन करने लगा , मार हराम खोर को इसकी भी बोलने कि हिम्मत हो गई , *" !! उसके पिता सामने आकर खड़े होते हैं और कहते हैं*" बेटा तू अंदर जा ,भाइयों हम यहां से चले जायेंगे ,बस कुछ दिन में इंतजाम कर लेंगे ,"! एक कहता है *" हमे तुमसे कोई लेना देना नहीं है ,इसे अभी घर से बाहर निकालो और इस कॉलोनी से हम निकालेंगे"!! , एक कहता है "" अरे यार ये लातो के भूत हैं मारो ,""!! एक आदमी डंडा चला देता है और फिर उसके पिता सामने आ जाते है , और उनका सर फट जाता है, धरम चीख कर उस आदमी का गला पकड़ लेता है और गुस्से से उसका गला दबाता है , लोग उस पर लाठियां चलाने लगते हैं , पर वह उसे जान से मार देता है, उसी समय पुलिस कि गाड़ी आती हैं और उसकी मां चीखती हुई आती हैं,और पति को देखती है तो वह मर चुके थे वह जोर से चीख कर रोती है,*"!!
क्रमशः