धरम एक सुंदर और स्मार्ट अच्छी डील डौल वाला नव जवान है, पर उसके गुस्सैल स्वभाव ने उसे बुरा आदमी बना दिया है , सभी उस से घबराते हैं, अगर किसी ने उसे देख भी लिया तो वह नाराज़ होकर मार पीट पर उतर आता है , मार पीट के चक्कर में वह कई बार हवालात की हवा भी खा चुका है ,अब तो हवालात भी उसे घर जैसा ही लगने लगा है , वह एक तरह से अपनी बस्ती माधव नगर का अघोषित डॉन हैं ,उसकी वजह से जितने भी गुंडे मवाली थे सब बस्ती छोड़ कर कहीं और पलायन कर चुके थे, यह एक मिडिल क्लास लोगो की बस्ती है, जहां छोटे मोटे व्यापार धंधा करने वाले लोग हैं और या तो सरकारी नौकरी करने वाले लोग हैं, धरम के पिता मदन शर्मा जी सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं और मां विद्या देवी घर सम्हलती है, वह दोनो भी बेटे के इस अपराधिक रिकॉर्ड से बहुत परेशान हैं ,वह उसे कई बार समझने का प्रयास करते है तो वह कहता है" आप सब अपना लेक्चर अपने पास रखिए मैं पैसे कमा रहा हूं ना बस और कुछ उम्मीद मत रखिए आप लोगो का ख्याल रखता हूं ना,"! और वह उनके पास से चला जाता है और शर्मा जी मुंह बनाकर घर चले जाते हैं,
धरम का नाम आते ही बस्ती के लोग कांप जाते हैं , धरम बस्ती के अंदर एक छोटे से होटल में घुसता है , होटल का मालिक भोला उसे देख खड़ा होकर नमस्ते करता है और आदमी को उसका टेबल साफ करने के लिए कहता है,और धरम से पूछता है," धरम भईया क्या लेंगे कॉफी या फिर चाय पिएंगे ,वह कहता है जो भी पिलाना है पिला दो, उसी समय एक आदमी आता है और डरते हुए उसके पास जाकर कहता है," धरम भईया एक काम था ,अगर आप कहें तो बताऊं ,"!! धरम उसकी तरफ देखते हुए बैठने का इशारा करता है और इशारे से बोलने को कहता है, तो वह कहता है," मुझसे एक पुलिस वाले ने 1 लाख रुपए उधार लिए थे , अब वह पैसे नही दे रहा है, मेरे बेटी की शादी है ,उस वक्त उसकी बेटी का एडमिशन था और उसके पास पैसे नही था ,तो मुझसे मांगा मैने पड़ोसी होने की वजह से दे दिया था , दो दिन के लिए कहा था आज 6 महीने हो गए ,अगले हफ्ते मेरी बेटी की शादी है, मुझे किसी ने आपके बारे में बताया तो मैं चला आया,में एक घंटे से यहां इंतजार कर रहा हुं उसने कहा था कि आप यहां दिन में दो तीन बार आते हैं "!! धरम सोचता है फिर कहता है " मुझे क्या फायदा होगा , मैं क्यों करूं"!! वह आदमी जिसका नाम प्रकाश चंद है वह कहता है," जो बोलो दे दूंगा ,बेटी की शादी है, जो भी मिलेगा काम आयेगा ,"!! चाय आती है तो वह उसे भी चाय पीने को कहता है, और चाय पीने के बाद उसे लेकर निकलता है और उसे उसके घर चलने को कहता है,प्रकाश तो आश्चर्य चकित रह जाता है , क्योंकी वह इतने जल्दी तैयार हो जायेगा इस बात का भरोसा नहीं था, वह उसे लेकर जाता है , धरम उसके साथ उस पुलिस वाले के घर जाते हैं , वह पुलिस वाला घर में ही था, वह प्रकाश के साथ धरम को देख चौक जाता है, वह गुस्से में कहता है ,इस गुंडे को लेकर मुझे धमकाने आया है ,इसकी इतनी औकात है कि मुझे धमकी देगा, धरम सीधे पुलिस वाले का कॉलर पकड़ कर उठा लेता है और कहता है तुझे अभी यहीं दस जूते मारूंगा तेरी पुलिस गिरी किसी काम नही आयेगी तु मुझे बंद कराएगा तो फिर बाहर आऊंगा तेरे पुरे परिवार के साथ तुझे भी ठोक दूंगा, क्या करेगा बोल ,और अभी तुझे बाहर ले जाकर सबके सामने मारूंगा तेरी पुलिस गिरी झाड़ दूंगा समझा ,"!! उसकी बीवी और बेटी हाथ जोड़ने लगते हैं ,बेटी कहती है " धरम भईया प्लीज इन्हे छोड़ दो,"!! धरम उसकी तरफ देखता है और कहता है" भाई बोल रही हैं ना फिर अपनी उस बहन के बारे में सोच जिसकी अगले हफ्ते शादी है, तेरे एडमिशन के लिए इनसे उधार लिया था तेरे कमीने बाप ने और अब अपनी पुलिस गिरी का रूआब दिखाकर पैसे हड़पना चाहता है ,
जिसने हेल्प किया उसी के साथ धोखा कर रहा है ,"!! दोनो मां बेटी चौक कर पुलिस वाले को देखती है तो वह मुंह छुपने लगता है, उसकी बीवी अंदर जाती है और अपना हार लाकर देती है और कहती है," बेटा ये ले जाकर रख कर इनका पैसा दे दे और उसकी स्लीप लाकर हमे दे दे, एकाध महीने में छुड़ा लेंगे, (प्रकाश से ) सॉरी भाई साहब हमे पता नही था की आपने इन्हे पैसे दिए हैं , धरम पुलिस वाले को हार देता है और कहता है," मेरी तुम्हारी कोई दुश्मनी नहीं है , पर जिसने भी बुरे वक्त पर साथ दिया है उनके साथ तो अच्छे से पेश आना चाहीए ये लीजिए आप ही रख कर दीजिए, बाद मेरा। जो करना हो कर लेना, उसकी वाइफ कहती है ," ये क्या करेंगे , अगर तेरी तरफ आंख भी उठाई तो इनके लिए बहुत बुरा होगा ,बैठ चाय पीकर जा "!! वह माना करता है तो वह जबरन बिठाते है ,पुलिस वाला उठकर बाहर जाता है , चाय बनकर आते आते वह पैसे लेकर भी आ जाता है और उन्हे देकर माफ़ी मांगता है और धरम का भी शुक्रिया अदा करता है कि तुझ जैसा आदमी इसे हेल्प कर रहा है और मैं कितना घटिया आदमी हूं जो इनके साथ गद्दारी कर रहा था मुझे दोनो ही माफ कर दो, सभी चाय पीकर बाहर आते हैं ,प्रकाश कहता है ," धरम बेटा कितना दे दूं ," !! धरम उनको देख कहता है " मेरी बहन को दे दीजिएगा जो भी देना है ,में बुरा आदमी हूं पर अपनी मां बहनों के लिए नही,"!! प्रकाश उसे जबरन घर में ले जाता है , बहुत दिनों बाद धरम को आज दो घरों में इज्जत से बिठा कर चाय पिलाई गई, उसकी आंखो में आंसू आते है ,दरअसल धरम शुरू से ऐसा नहीं था उसकी जिदंगी का एक अहम हिस्सा जो बीत गया उसकी याद उसे आती है,"!!! आगे कि कहानी अगले भाग में पढ़िए,,!!