सतीश ने राजेश पर हुए हमले के अपराधियों को पकड़ लिया था वह सब भागने के फिराक में थे पर नाका बंदी और मीडिया में उनकी फोटो आ जाने से वह लोग बाहर निकल नही पा रहे थे ,!!!
वह सब एक टूटे से खंडहर जैसे घर में छुपे हुए थे ,पर बिना खाए पिए कितने दिन बैठ सकते थे और उसमे भी शराब की लत भी बहुत बुरी थी , खाना और शराब की व्यवस्था के चक्कर में ही वह लोग फसे ,और पकड़े गए , *"!!
उन सभी को भी पता नही था की राजेश को मारने की सुपारी किसने दी थी ,वह लोग किसी बद्री का नाम ले रहे थे , सतीश समझ गया की यह लोग कॉन्ट्रैक्ट किलर हैं इन्हे तो सिर्फ पैसे और काम से मतलब होता है , !!!
सतीश जनता था को बद्री नाम के आदमी ने सही नाम नही बताया होगा , और उसने भी पब्लिक फोन से ही इनको ठेका दिया था ,और पैसा एक दुकानदार को देकर गया था, सतीश उन सब पर केस दर्ज कर जेल भेज देता है , *"!!
वैसे तो उन्हे पता ही था की हर्षा ने ही उन्हें पैसे भिजवाएं होंगे पर कानून ने हाथ बांध रखे थे , वह चाह कर भी तुरंत कोई एक्शन नहीं ले सकता था ,*"!!!
दुष्यंत जेल से ही एक सिपाही से फोन का इंतजाम करवा कर किसी से बात कर रहा था, वह बात कर सिपाही को फोन के साथ कुछ रुपए देता है ,यदि आपके पास पैसे हैं तो जेल में सारी व्यवस्था मिल जाती हैं ,!!
सिपाही जाने लगता है तो उसे कुछ याद आता है तो वह दुबारा सिपाही को बुलाकर एक कॉल और करने की बात करता है,!!
सिपाही कहता है *" हर कॉल का पैसा देना होगा साहब ,*"!!!
वह फोन लेकर हर्षा को फोन लगाता है ,!!
हर्षा दो बार कॉल करने पर उठाती है ,और उसकी आवाज सुन कहती है ,*" कैसे हो डियर ,*"!!!
दुष्यंत कहता है *" अब जेल में जैसे होना चाहिए वैसे ही हूं ,तुम कहां बिजी थी फोन नही उठा रही थी कई बार कॉल किया ,*"!??
वह इठलाते हुए कहती है *" यार तुम्हारे बिना एक एक पल बिताना भरी पड़ने लगा है ,अरे हां एक खास बतानी थी ,वो तुम्हारे लोग बड़े बदतमीजी पर उतर आए थे कल मैंने उन्हें कड़क होकर डांटा तो वह लोग काम छोड़कर चले गए,*"!!
दुष्यंत ऐसे बात करता है जैसे उसे कुछ पता ही नही है,*" अरे ऐसे कैसे चले गए,और उनकी इतनी हिम्मत हो गई की तुमसे बदतमीजी करने लगे ,भगाओ सालो को एकाध को ठोक देना था , *"!!!
हर्षा कहती हैं ,*" दिल तो मेरा भी किया की उस खुचड़ महातम को गोली मार दी पर तुम्हारे वजह से चुप रह गई , छोड़ो उन लोगो को मैं तुम्हारे लिए एक बहुत बड़े वकील को दिल्ली से बुलवा रही हूं वह कहा रहा था की कुछ ही दिनों में जमानत करवा देगा ,*"!!!
दुष्यंत मन ही मन उसे गाली देता है और ऊपर से कहता है ,*" अब कुछ दिन भूल जाओ सारे सबूत मिल चुके है ,और राजेश ने मेरे खिलाफ बयान दे दिया है ,और उन लड़कियों के मां बाप भी खड़े हो गए हैं ,कई केस दर्ज हो गए ,अब कुछ दिन यही आराम करना है ,पार्टी से भी निकाल दिया गया हूं ,*"!!?
हर्षा कहती है ,*" नही यार तुम्हारे बिन मेरा दिल नही लगता , इन मुसीबतों के कारण सारा काम धंधा भी बंद पड़ा है , नही तो उसी में व्यस्त रहती , सोचती हूं बच्ची को बुला लूं ,पर फिर सोचती हूं वो लोग वहां अपनी मौसी के साथ खुश हैं , अब दस साल का हो गया अपना बेटा हर्ष ,और आठ साल की खुशी हो गई , *"!!
दुष्यंत मन ही मन कहता है ,*" तु तो बुला भी नही सकती कामिनी अय्याशी कैसे करेगी ,*"!!!
सिपाही पास आकर कहता है ,*" साहब फोन दीजिए जेलर साहब के राउंडअप का टाइम हो गया है ,*"!!!
दुष्यंत कहता है *" चलो सब ठीक रहा तो कल सुबह बात करेंगे ,*"!!!
हर्षा कहती है,*" ठीक रहा मतलब ,क्या होने वाला है ,*"!!
दुष्यंत कहता है ,*" यार अगले पल क्या होगा कौन जानता है ,अभी पंद्रह दिन में हम बिखर गए , ये सोच सकते थे ,अब कोई अंदर ही मुझे गोली मार दे तो ,*"!!!
हर्षा मन में सोचती है और कहती है ,*" ये तो मैने सोचा ही नहीं , ये भी हो सकता है ,*"!!!
दुष्यंत कहता है *" ओके बाय डियर ,*"!!!
वह फोन काटता है और सिपाही को देता है साथ में और पैसे देता है ,सिपाही जाता है ,!!!
दुष्यंत सोचता है की *""ये औरत कितनी शातिर है , मेरे यहां आए ही गेम खेलने लगी है ,"*!!!!
हर्षा के बगल में ही उसका प्रेमी संतोष बैठा सुन रहा था ,!!!
वह कहता है ,*" डार्लिंग तुम कहो तो उसका गेम जेल में ही करवा दूं ,*"!!!
हर्षा कहती है ,*" बहुत जल्दी है क्या ,तेरे पिछवाड़े ही गोली मरवा दूंगी , वो कोई बच्चा है , वो तेरा बाप है , जेल से फ़ोन करता है , तु उसको जेल में मरवाएगा ,*"!!
संतोष घबरा जाता है , !!!
हर्षा कहती है ,*" अभी एकाध साल उसे सजा भुगतने देंगे फिर उसका काम करवाएंगे , *"!!!
उसी समय उसके घर की दीवाल क्रॉस कर कुछ लोग उसके घर में घुसते हैं ,*"!!!
क्रमशः