भाग 4
निकिता बेचारी आधे घंटे से इंतजार कर रही थी और धरम आते ही उस पर भड़क गया वह तो उसका मुंह ही देखती रह गई , और सोचती है कि यह क्या इसको कभी किसी के प्यार का अहसास भी होगा की नही, वह गाड़ी में बैठने के लिए बोलती है , तो वह बैठता है, वह भी बैठकर गाड़ी स्टार्ट करती है इसके चक्कर में वह ड्राइवर को लाना बंद कर दी और ये महाशय तो अलग ही दुनिया के प्राणी हैं ,उसे यह पहला आदमी दिखा जो लड़कियों से कोई मतलब नही रखता है ,वह सोचती है कि यह पौराणिक काल का आदमी गलती से इस युग में आगया , गाड़ी कॉलेज में पहुंचती हैं , "!!
राजेश को अब एहसास होने लगा कि वह धरम को हल्के में लेकर गलती कर रहा है क्योंकि उसके अपने चमचे भी धीरे धीरे उसके सपोर्टर हो गए थे, राजेश को अब टेंशन होता है ,अभी तक तो वह गफलत में था कि वह जैसा चाहेगा वैसा ही होगा पर आज उसके दो खास चमचे भी उसे छोड़ कर उसके ग्रुप में चले गए थे, अब उसे अपनी हार दिखने लगी थी ,उसी समय धरम निकिता के साथ आता दिखाई पड़ता है , वह उठकर धरम कि ओर जाता है ,और उसे रोक कर कहता है," हैलो धरम ,कैसे हो " !! वह हाथ आगे बढ़ाता है ,तो पहले निकिता और धरम दोनो चौकते हैं और एक दूसरे को देखते है फिर धरम भी हाथ बढ़ाकर हैण्ड सेक करता है , और कहता है ," एकदम परफेक्ट हूं ,अपनी कहो, ,"!! राजेश निकिता को देखता है फिर कहता है ," सुना है मेरे सामने इलेक्शन में खड़े हो रहे हो, "!? धरम मुस्कराकर कहा " सही सुना है ,क्यों नहीं खड़ा होना चाहिए, "!?
राजेश कहता है ," खड़ा होना चाहिए सबका हक है ,पर तुम जैसे होनहार और गरीब स्टूडेंट को नही ,ये राजनीति बहुत हि गंदी होती हैं भाई ,तुम जैसे सीधे साधे लडको के लिए नही है, मैं तुम्हे एक स्टूडेंट के रूप में पसंद करता हूं और चाहता हूं कि तुम अच्छे स्टूडेंट बने रहो बेवजह इन फालतू के कामों में मत पड़ो, ,"! निकिता धरम से कहती है " चलो धरम लोगो की फटने लगी है तो प्रवचन पर उतर आए हैं , "!! राजेश कहता है , " इन सबकी बातो में मत आओ जिस दिन कहीं फसोगे कोई नजर नहीं आएगा , ये प्रोफेसर्स प्रिंसिपल स्टूडेंट्स सभी तुम्हे सूली पर चढ़ा रहे हैं और जिस दिन सूली पे चढ़ा रहें हैं और जिस दिन सूली पर लटकोगे ये सब काक्रोच कि तरह भाग जायेंगे बाकी तुम्हारी मर्जी, "!!
धरम कहता है," थैंक्स ब्रो ,तुम अपना ख्याल करो और कोशिश करो जितने कि बाकी अब मैं पीछे नहीं हटने वाला ,"!! दोनो जाते हैं ,राजेश पीछे से कहता है ," पीछे नही हटोगे तो कोई बात नहीं इलेक्शन तो हर हाल में मैं ही जीतूंगा,बाकी तुम्हारा क्या होगा ये सोचने वाली बात होगी एक अच्छा होनहार स्टूडेंट कि लाइफ बरबाद नहीं होनी चाहिए थी, अगर हुआ तो मुझे सबसे अधिक तकलीफ होगी, "!!
निकिता और धरम कई स्टूडेंट के साथ बैठे हैं , साइंस के प्रोफेसर श्रीवास्तव सर भी है ,सभी स्टूडेंट्स कि प्रोब्लम सुन रहे हैं , निकिता सबको विश्वास दिलाती है कि धरम के आते ही ये सारी प्रोब्लम सॉल्व ही जायेगी , यहां ड्रग्स कि सप्लाई भी बंद हो जाएगी , और बाहरी लोगो का आना जाना भी बंद हो जायेगा ,""!!
राजेश अपने मामा के सामने खड़ा है ,उसका मामा उसे बहुत प्यार से समझा रहे हैं ," देख भांजे अगर तू इलेक्शन हार गया तो सारा मामला गड़बड़ हो जायेगा हमारा बना बनाया महीने के जो लाखो रुपए ड्रग्स की सप्लाई से आते हैं वह बंद हो जायेगा क्योंकि वह सबको यही प्रोमिस कर रहा है , स्टूडेंट्स फेडरेशन पर्सनलाइज्ड नही है ,तो जो भी प्रेसिडेंट कॉलेज का बनेगा उस पर बहुत कुछ डिपेंड करता है ,और धरम आयेगा तो सब बंद करना पड़ेगा , तो धरम नही आना चाहिए ,उसके लिए जो भी करना हो करो कोई भी एलिगेशन लगाओ पर वह जितना नही चाहिए ,"!! राजेश कहता है " मामा जी वह बहुत ही अच्छा लड़का है, कॉलेज कि नाक है ,है बार अपने कॉलेज को टॉप रैंकर में रखता है,"!! मामा कहते हैं" देख अगर तुझे कुछ नही होगा तो मुझे कुछ करना होगा फिर तेरी जरूरत क्या है तु तो ना पढ़ने में है न ही खेल कूद में तो तेरी कॉलेज में जरूरत ही नहीं रहेगी , तु आकर ऑफिस में बैठ, 10 ,,15 हजार रुपए तो मंथली मिलते रहेंगे,"!! राजेश समझ गया कि उसके मामा अपने काम से बढ़कर रिश्ते नाते भी नही मानते ,वह उनकी बात मान जाता है और कहता है" ठीक है मैं उसका बंदोबस्त करवाता हूं,,"!! मामा उसके पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं," बंदोबस्त नही पूरा गेम बजा दो ताकि दुबारा कोई तुम्हारे सामने आने कि हिम्मत न करे पर सोच समझ कर ,साप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे ,और हां कुछ भी करना उसमे मेरा नाम इन्वॉल्व नही होना चाहिए , जो भी हो सिर्फ तुम रहोगे , बाकी का मैटर जो भी होगा में निपट लूंगा, "!!! राजेश मामा को देखता रह जाता है, और सोचने लगता है कि क्या किया जाए,"*!!
क्रमशः