सारा जहाँ
प्रेम का भूखा है
जहां मिला
वहां झुका है
जो खुद से प्रेम नहीं
करता
वो दूसरों से क्या प्रेम करेगा ?
जो खुद का ज़ख्म नहीं भर
सकता
वो दूसरों का क्या भरेगा ?
जो खुद खुश नहीं रह सकता
वो दूसरों को खुश रखने का
वादा करेगा
खुशी खुद में है
यह ढूढ़ने का ना इरादा करेगा
जो खुद से प्रेम नहीं
करता
वो दूसरों से क्या प्रेम करेगा ?