नाम आप ही देना
स्वर्ग में कन्हैया से राधा कहती
जीवन भर मैं तेरे इंतजार में रोती रहती
कन्हैया नाम रात दिन रटती रहती
लौट आएगा मेरा कन्हैया
खुद को यह झूठा दिलासा देती
तू राजा बनकर अंहकारी हो गया
तभी से मेरा कन्हैया संसार से खो गया
कन्हैया बिना राधा नहीं
उस दिन के बाद मैने एक दिन भी निकाला नहीं
तू राजा बनकर गोकुल को भूल गया
मैं कहती हु तूने ही
की थी मेरे काना की हत्या
माना की
मेरा तेरा कोई रिश्ता न था
तू भुला तभी से कोई किस्सा न था
लेकिन ?
उस माँ को तो याद किया होता
जिसने तुम्हे पाला पोसा
जन्म देने वाली माँ से
अधिक तुझे प्रेम था परोसा
उस माँ क्या था दोष
जिसके पुत्र का साया कोषा
तेरी आँखो में सारे संसार की भलाई
करने की चाहा थी
तू क्यों भूल गया उसके कन्हैया की हत्या
करने से पहले की वो एक माँ थी.....