जोड़ने के लिए नर्म बनो और जोड़े रखने के लिए सख्त ये सीख हमें अपने जीवन में सीमेंट से सीखनी चाहिए। परिवार में यही भूमिका परिवार के मुखिया की और समाज में यही भूमिका समाज के मुखिया की भी होनी चाहिए।
परिवार जोड़ने के लिए नर्म और जोड़े रखने के लिए सख्त होना होना आपकी चातुर्यता है।परिवार का मुखिया नर्म न हो तो परिवार का जुड़ना मुश्किल है और परिवार का मुखिया सख्त न हो तो परिवार का जुड़े रहना भी मुश्किल ही है।
सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीति।
सहज कृपन सन सुंदर नीति॥
जीवन में कभी-कभी जहाँ विनय काम नहीं आता वहाँ कठोरता काम कर जाती है। आपकी विनम्रता से किसी का अहित हो रहा हो तो भला वह विनम्रता भी किस काम की है..? विनम्रता भी वही भली है जिसमें किसी का अहित न हो और कठोरता से यदि किसी का हित सध रहा हो तो वहाँ पर कठोरता ही श्रेष्ठ है।
सदा विनम्र रहो मगर जहाँ पर आपकी विनम्रता किसी श्रेष्ठ कार्य के साथ-साथ आपके व सामने वाले के हित में बाधक बन रही हो वहाँ पर थोड़ा कठोरता दिखाकर उस श्रेष्ठ कार्य की परिपूर्णता ही श्रेयस्कर हो जाती है।