प्रणाम सद्गुरू,
एकादशी के दिन हम जागरुक हो सकते है अन्य दिन की अपेक्षा प्रकृति इस दिन हमे हमारी ऊर्जा को ऊपर उठाने में मदद करता है । हम अपनी जागरुकता को बढ़ा सकते हैं जितनी हम जागरुक होंगे उतना ही हम अपने मन शरीर को समझ पायेंगे क्योकि तरंगे तो यही से उठती है बाद में कर्म का होना क्रिया का होना घटता है । ऐसे में हमे अपने आहार पर ध्यान देना चाहिए ।सम्यक आहार ;न कम न ज्यादा या हम इस दिन फलाहार करे ।
save tree🌲save earth🌏&save life❤