प्रणाम सिस्टर ,
हाँ, सुबह नींद खुलते ही हम परमात्मा को थैंक्स कहे । आज हमारी नींद खुल गई आज हम फिर जीवित है हमें एक मौका जीवन जीने का और दिया है। इस संसार में तो कई लोग रात सोने के बाद सुबह उठे ही नही।धन्यवाद परमात्मा का अब भी मेरी सांसे चल रही है। आप जीवित क्यो है । क्या आपके ऊपर है जिन्दा होना आप मेहनत कर रहे हैं साँस लेने के लिए अपने शरीर में कोई मशीन बिठा रखा है । नही; आपके जीवित होने में आपका कोई हाथ नहीं है। कोई दुसरा आपकी सांसे चला रहा है । उसके आभारी हैं हम । उस शक्ति के जिससे ये जीवन चल रहा है ।
हमारे लिए ये विचारणीय है कि 70-80 साल तक जीवित रहते है पर कितनी बार धन्यवाद देते है;अहसान मानते है । हम बाहरी चीजो में उलझे रहते है। अच्छा मकान,अच्छा पद,धन दौलत पर कभी अपने शरीर पर ध्यान नही जाता जिस पैर से चलते है उसका कोई ध्यान नही है। जिस हाथ से काम होता है ,जिस आँख से देखते हो, किस कारण से देखते हो कौन है जो यह सब कर रहा है। पर हम धन्यवाद तक नहीं देते। जो निशुल्क मिला है उसकी कोई अहमियत नहीं।
save tree🌲save earth🌏&save life❤