प्रणाम गुरुदेव,
हाँ, दुनिया से नफरत मिट जाए यही लोग चाहेंगे। जहाँ जहाँ हिंसा अपराध हत्या हो रहा है वहाँ के लोगो से पूछो तो जिन पर मौत हर पल गुजर रही है लोग सुकुन और शान्ति का जीवन चाहेंगे। बस्तर में नक्सली हमला व अन्य जगहों पर नक्सलवाद-आतंकवाद से आम जनता त्रस्त है। गलत राहो पर चलकर लोग हिंसक राह अपना लेते हैं। और जीवन दुष्कर कर लेते है।
सारी समस्याओ का हल प्रेम है।प्रेम होगा तो खुशियाँ उसके साथ दौडे चली आएगी। ओशो कहा करते थे "मेरी सारी शिक्षा दो शब्दो की है प्रेम और ध्यान।" हम अपने अंदर से कैसे है क्या हमारे अंदर घृणा भरी पड़ी है तो हम प्रेम का दिया कैसे जला सकते हैं। हमारे मेमोरी कार्ड में जो छपा है वही पर्दे पर दिखाई देगा ।हम जिसे प्रेम कहते है वह अधिकतर लेन देन पर आधारित होता है । कोई किसी से अपना मतलब निकालना चाहता है तो वह प्रेम से बात करता है । उसका काम हो जाने पर वह दूसरी राह चलता है । कोई फूल खिलता है तो उसकी खुशबू वातावरण में बिखरती है फूल ये नही चाहता कि कोई मेरे खुशबू को अधिक से अधिक लोग चाहे वह तो अपने खिलने में मस्त है लोग उसे देखे या ना देखे। प्रेम बेशर्त हो । ऐसा नहीं है कि मैं प्रेम कर रहा हूँ तो लोग भी मुझे प्रेम करे फिर तो आप बदले में मांग रहे हैं ।यह प्रेम उथला हुआ। प्रेम अपने आप में इतना पर्याप्त है कि वह माँग नही करता वह व्यक्ति संतुष्ट रहता है। और हमेशा खुश जीवन जीता है।
save tree🌲save earth🌏&save life❤