प्रणाम सद्गुरू
हाँ, जागरुकता बहुत बड़ी कीमिया है । आमतौर पर हम जिसे जागरुक होना कहते हैं वो एक साधारण जीवन चर्या है जिसे रोजमर्रा की जिंदगी में जीते है । जागरुक एक अलग ही बात है। जागरुक या होश त्रिआयामी है जिसमे वस्तु और देखने वाला को तीसरा देख रहा होता है। दृष्टि ,दृश्य व द्रष्टा ।
save tree🌲save earth🌏&save life❤