प्रणाम सिस्टर,
होली के त्यौहार का महत्व हमे समझना चाहिए। होली के एक दिन पूर्व होली जलाई जाती है ।लकड़ी,कन्डा या घास फुस को एकत्र कर जलाया जाता है। हमे इस आग में अपनी बुराइयां व मन की गन्दगी को जला देना चाहिए यही प्रतीक है इस होलिका दहन का। हम मात्र संकल्प से किसी आदत को बदलने का प्रयास कर सकते है। कल्पना भी काम करती है जब हम कल्पना कर किसी कार्य को करने का बीड़ा उठाते है तो वह कल्पना यथार्थ में परिवर्तित होने लगता है। जलते होली की अग्नि को देखकर हमे नश्वरता की याद आ जानी चाहिए। इस आग से कोई नही बच सकता है सभी को इस आग से गुजरना पड़ता है तभी जो बचेगा वही वास्तविक व सत्य होगा। हमे इस आग में किसी के प्रति ईर्ष्या या द्वेष है उसे मन से,हृदय से हटा देना चाहिए इस आग में जला देना चाहिए। हमारी संकल्प में इतनी शक्ति है कि आदमी अभी बदल सकता है अभी इन्लाइटमेंट हो सकता है। अष्टावक्र गीता में कहा है "तू तैयारी मत कर सीधा घोषणा कर मुक्त होने की घोषणा कर। तू यही उपलब्ध हो जाएगा।"
save tree🌲save earth🌏&save life❤