प्रणाम सद्गुरू,
हाँ, हमने शोषण ही शोषण किया है। पेड़ पौधे द्रुत गति से काट डाले जंगलो को नष्ट कर डाला। शहर से लगे आसपास के गांव अब शहर बन गए । अब ये शहर बनकर अपने आसपास के गांवों को नष्ट कर रहा है। एक पौधा ,पेड़ बनने में दस साल लग जाते है। हमारे सारे प्रदूषण को ये सोख लेते है और बदले में प्राणवायु प्रदान करते है। विश्व में अमेज़न सबसे बड़ा जंगल है जिसे धरती का फेफड़ा कहा जाता है। जिसके कारण हम जीवित है ।
एक आम इन्सान को अब समझना होगा कि पहले युद्ध का डर था लेकिन अब पूरा धरती हमसे युद्ध करने को तैयार है। और मानव ने ही उसे ललकारा है। धरती बंजर का उकसाया है।हवा व जल को प्रदूषित कर दिया है। हमे ये तय करना होगा , हम एक दुसरे से जुड़े हुए हैं उनको नष्ट कर हम भी सुख चैन से नही रह सकते हैं।
save tree🌲save earth🌏&save life❤